लिबरल गिरोहों की संस्था पेटा अक्सर अपने अजीबोगरीब बयान बाजी के लिए जानी जाती है। दीपावली , होली रक्षाबंधन ,जन्माष्टमी पर हिंदू त्यौहार और संस्कार विरोधी मैसेज देना और बकराईद जैसे कार्यक्रम पर बिल्कुल मौन रहना यह पेटा की पहचान है। अब एक बार फिर एक ऐसा ही मुद्दा लोगों के बीच गर्माया हुआ है. जहां लोगों के बीच वीगन मिल्क (Vegan Milk) को लेकर बहस चल रही है।
दरअसल पशुओं के अधिकार के नाम पर काम चलाऊ काम करने वाली संस्था पेटा ने अमूल (Amul) से वीगन मिल्क या पौधों से बनाए जाने वाले दूध के उत्पादन की तरफ बढ़ने को कहा है। जिसके बाद अमूल ने इस पर करारा जवाब देते हुए पूछा है कि PETA India अमूल डेयरी से जुड़े 10 करोड़ किसानों के परिवार का भरण पोषण करेगा? इसके बाद यह मुद्दा इंटरनेट पर गरमा गया है लोग #milk के जरिए अपना-अपना रिएक्शन दे रहे हैं।
अमूल ने दिया ये जवाब PETA India पर पलटवार करते हुए अमूल के मैनेजिंग डायरेक्टर सोढ़ी ने कहा, ‘‘PETA चाहता है कि अमूल 10 करोड़ गरीब किसानों की आजीविका छीन ले. और वह 75 साल में किसानों के साथ मिलकर बनाए अपने सभी संसाधनों को किसी बड़ी एमएनसी कंपनियों द्वारा जेनिटकली मोडिफाई किए गए सोाया उत्पादों के लिए छोड़ दे, वो भी उन कीमतों पर जिसे औसत निम्न मध्यम वर्गीय परिवार खरीदने में भी समक्षम नहीं।
ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया कि पेटा अमीर बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आनुवंशिक रूप से संशोधित सोया को अत्यधिक कीमतों पर बाज़ार में लाना चाहती है, जिसे औसत निम्न मध्यम वर्ग के लोग वहन नहीं कर सकते हैं।
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