आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी ,
माफी चाहता हूं यदि कटु शब्दों का प्रयोग हो जाए तो,
लेकिन क्या आप वो 1992 वाले नरेंद्र मोदी ही है ना जिन्होंने श्रीनगर के लाल चौक पर आतंकवादियों की धमकी के बावजूद तिरंगा फहराया था,
क्या आप वो 2002 वाले नरेंद्र मोदी ही है ना जिन्होंने अपने राजनीतिक कैरियर की चिंता किए बिना अपने हिन्दू भाइयों के साथ न्याय किया था,
क्या आप वो 2016 वाले नरेंद्र मोदी ही है ना जिन्होंने पाकिस्तान को उसके घर में घुसकर मारने की हिम्मत दिखाई थी,
यदि आप वही है तो आज आपको क्या हो गया है ????
आखिर क्यों आप इतनी औपचारिकता में विश्वास करते है,
आखिर क्यों आपको बंगाल में भाजपा और संघ के कार्यकर्ताओं की लाशें दिखाई नही दे रही,
आखिर क्यों आप ये समझते है कि सबका साथ : सबका विश्वास का खोखला नारा कभी सफल ही हो पाएगा,
आखिर क्यों आप अभी भी आत्ममुग्धता में मग्न है प्रधानमंत्री जी।
कृपया आँखे खोलिए और देखिए कि जिन परिश्रमी कार्यकर्ताओं की वजह से आज आप सत्ता में है उनकी क्या दशा हो रही है,
आँखे खोलिए और देखिए कि किस प्रकार बंगाल को भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए नरक बनाया जा रहा है,
आँखें खोलिए और देखिए कि किस प्रकार आप एक 56 इंची सीने वाले प्रधानमंत्री से एक मौन और निष्क्रिय प्रधानमंत्री बनते जा रहे है।
आँखें खोलिए प्रधानमंत्री जी क्योंकि दीर्घावधि का मौन कायरता की निशानी होता है।
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