पाकिस्तान ने आजादी के समय जम्मू कश्मीर रियासत के हिस्से रहे और अब लद्दाख के अपने कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत बनाने का ऐलान किया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलगित-बाल्टिस्तान की एक जनसभा में भारत के इस इलाके को अलग अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की.

इमरान के इस दुस्साहस पर भारत ने फौरन चेतावनी दी. विदेश मंत्रालय का सख्त बयान सामने आया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK पर अवैध कब्ज़ा करके रखा है. पाकिस्तान वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान भारत के इस हिस्से पर अवैध कब्जे को फौरन छोड़े. गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके को तुरंत खाली करे.

इमरान खान को ये समझ लेना चाहिए कि गिलगित-बाल्टिस्तान से लेकर पूरा पीओके भारत का है. इमरान कितना भी चीन के दबाव में आकर गिलगित बाल्टिस्तान पर कोई ऐलान कर दें, लेकिन इमरान और बाजवा को ये समझ लेना चाहिए कि अब खंड-खंड पाकिस्तान से अखंड भारत का सपना बहुत जल्द साकार होगा.

एक 26/11 के बाद अगर #अमेरिका जैसा महाशक्ति घुटनों के बल आ सकता है तो 1947 से लगातार आतंकवाद की आग में जलता #भारत क्यों नहीं। जिस तरह #तालिबान की कमर तोड़ कर अमेरिका उठ खड़ा हुआ है उसी तरह भारत भी #आतंकवाद की कमर तोड़ कर उठ खड़ा होगा।
आतंकवाद भारत की प्रमुख सबसे बड़ी समस्या है, जिसने भारतीय शासन-व्यवस्था को जर्जर कर दिया है । आतंकवाद ने भारत की आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, सांस्कृतिक आदि परिस्थितियों को प्रभावित किया है । अत: इसे दूर करना अत्यधिक आवश्यक है।
पुलवामा हमले के बाद सरकार ने जो कड़ा रूख अपनाया उससे यह तय हो गया है कि अब भारत ने आतंकवाद से लड़ने वाली वो “पुरानी चदरिया” को तह करके रख दिया है। यह नया भारत है जो ना दबेगा और ना ही झुकेगा और आतंकवादियों के किसी दुस्साहस पर घर में घुस कर मारेगा।
अब दहशतगर्दों को समझ में आ रहा है कि वह जिनकी गोद में खुद को महफ़ूज महसूस करते थे वह सरपरस्त खुद कितने असुरक्षित हो गये हैं।

नोट- आर्थिक मंदी पर छाती पीटने वालों पर कोई प्रतिबंध नहीं है

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