यही होता है जब , किसी भी प्रदेश के लोकप्रिय जननेता को , किसी भी बाहरी या ऊपरी दबाव के कारण और तथाकथित आलाकमान की जी हुजूरी और हाँ में हाँ मिलाने से असहमति जताने की वजह से न सिर्फ सत्ताच्युत कर दिया जाए बल्कि सार्वजनिक , राजनैतिक और सामाजिक ,हर स्तर में श्रेष्टतम और सबसे अधिक अनुभवशाली होने के बावजूद उनके साथ उपेक्षित व्यवहार कर शक्तिहीन कर दिया जाता है।

बात इतने भर की ही होती तो भी ठीक रह सकती थी किन्तु , कैप्टन साहब के बार बार खुलेआम इस बात की चेतावनी देने के कि -नवजोत सिंह सिद्धू -जो आए दिन किसी न किसी बहाने अपने यार इमरान और सखा बाजवा के गलबहियाँ डाले दिखाई देते हैं -उनकी ये नजदीकियाँ -पाकिस्तान के विश्वासघाती चरित्र को देखते हुए देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चूक वाली बात है।

मगर कांग्रेस हर उस काम को पसंद करती है जो कहीं न कहीं देश , राज्य समाज को तोड़ने ,हताश करने , बाँटने के लिए किया जाता रहा है।  न सिर्फ कैप्टन अमरेंद्र सिंह को पद और पार्टी तक से उपेक्षित होकर निकल जाने को विवश किया बल्कि , उसके बाद कहीं कमज़ोर कद और शख्शियत चन्नी जी को राज्य की कमान सौंप दी।

सिर्फ पिछले कुछ ही दिनों में , पंजाब में दो स्थानों पर -सार्वजनिक रूप से भीड़ द्वारा दो -युवकों की -जघन्यतम तरीके से -यातना दे दे कर ह्त्या कर दी गई – जिनमे से एक तो बेचारा अपनी भूख मिटाने के लिए उस द्वार पर पहुँच गया था -इधर ये सब हुआ ही था कि , शहर लुधियाना की जिला अदालत में आतंकी हमला हो गया।  दो निर्दोषों की जान जा चुकी है कर कई घायल हैं।

इधर नए मुख्यमंत्री चन्नी -अभी कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ को संदेश भेज रहे थे कि -पंजाब के सुशासन से योगी की सरकार को कुछ सीखना चाहिए , शायद ऐसी ही और इन जैसी बातों के कारण है , नवजोत सिंह सिद्धू जो -ओए ,ये नए वाला हमारे वाला और इसको हमने बनाया है , वाले अंदाज़ में रोज़ कुछ न कुछ ठोको ताली की तरह ठोंकते नज़र आ रहे हैं -गालियाँ उनमें प्रमुख रुप्प से सम्मिलित करके रखते हैं।

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