विक्रेता Kusum Pathak का Sultan Ansari के साथ 2 साल पहले दिनांक 17-Sep-19 को 2 करोड़ की तयशुदा कीमत में हुआ एग्रीमेंट बड़ी चालाकी से छिपा दिया गया Opposition की तरफ से, क्यों?
उक्त एग्रीमेंट से स्पष्ट होता है कि Kusum Pathak की Sultan Ansari के साथ, ज़मीन की 2 करोड़ रुपये में जो सहमती हुई उसकी मियाद 3 साल थी।
एक महत्वपूर्ण बात की ज़मीन की मालियत 5.79 करोड़ थी, 01/08/2017 के अनुसार लेकिन चूँकि तब ज़मीन का विवाद चल रहा था इसलिए Kusum Pathak संभवतः उक्त ज़मीन को 2 करोड़ में ही बेंचने को राज़ी हो गईं।
Champat Rai जी के स्टेटमेंट से स्पष्ट हुआ की उक्त जमीन 5 मिनट में महँगी नहीं हुई बल्कि उक्त जमीन राम मंदिर ट्रस्ट को बेचने से पहले कानूनी आवश्यकता के अनुरूप, 2 साल पहले यानि कि अयोध्या जजमेंट आने के पहले के विक्रेताओं के आपसी तयशुदा रेट के एग्रीमेंट का बैनामा 2021 में करवाया गया।
झूठा प्रोपगंडा चलाया गया की 18-Mar-21 को शाम 7:10 पर ज़मीन खरीदी गई, जबकि सच्चाई ये है की उक्त जमीन 2 वर्ष पूर्व 17-Sep-19 को खरीदी गई, अर्थात Ram Janmbhumi पर Supreme Court का फैसला आने से पूर्व।
ये एनालिसिस सही निकली की उक्त ज़मीन 17-Sep-19 को खरीदी गई, 2 करोड़ रुपये में।
09-Nov-2019 को माननीय Supreme Court का फैसला Ram Janmbhumi के पक्ष आया। इसमें कोई दोराय नहीं है की कोर्ट का फैसला आ जाने के बाद अयोध्या और राममंदिर के आसपास की ज़मीन महँगी होने लगी।
Supreme Court का निर्णय आने के बाद, Ram Janmbhumi Trust नें आसपास अतिरिक्त ज़मीन खरीदने का प्रयास चालू किया।
Ram Janmbhumi Trust नें उक्त महत्वपूर्ण ज़मीन के लिए Sultan Ansari संपर्क किया फिर चूंकि डील एक नंबर में हो रही थी तो स्टाम्प ड्यूटी पे की गई और कानूनी रूप से उक्त ज़मीन का बैनामा 18-Mar-21 को कराया गया।
उसी वक़्त उक्त ज़मीन का 3 साल की मियाद में Kusum Pathak को पूरा पेमेंट करने के बाद 17-Sep-19 वाला एग्रीमेंट कैंसिल हुआ और प्रॉपर्टी Sultan Ansari को ट्रान्सफर हुई।
तत्पश्चात, Ram Janmbhumi Trust नें 18-Mar-21 को विक्रेता Sultan Ansari से रजिस्टर्ड सेल्स डीड साइन की। पूरी स्टाम्प ड्यूटी पे की गई और एक नंबर में 2021 के मार्केट रेट 18.5 करोड़ में सौदा हुआ।
Champat Rai जी ने बताया की विक्रेता के साथ अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है। उन्होंने समस्त रामभक्तों से निवेदन किया कि वे किसी भी दुष्प्रचार में विश्वास ना करें, ताकि श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का कार्य शीघ्र निर्विघ्न रूप से पूरा हो।
कुछ और तथ्य भी सामने आये हैं की माननीय न्यायालय नें भी फैसला सुनाते हुए 20-Nov-2017 के तारिख से Kusum Pathak व अन्य को उक्त भूमि, 243, 244 और 246 में बतौर भूमिधर अंकित किया था।
स्पष्ट होता है की Kusum Pathak नें जिस जमीन का रजिस्टर्ड एग्रीमेंट Sultan Ansari से 17-Sep-19 को किया वही जमीन Sultan Ansari से Ram Mandir Trust नें 18-Mar-21 को खरीदी जिसका नंबर 243, 244 और 246 है और कुल क्षेत्रफल 12,080 वर्ग मीटर है।
रामनगरी में अभी 2021 में ज़मीन का औसत मूल्य, 2,000 प्रति वर्ग फीट है जबकि Ram Mandir Trust नें वो ज़मीन 1,423 रुपये प्रति वर्ग फीट के हिसाब से खरीदी।
Champat Rai जी ने भी अधिकारिक रूप से बताया की विक्रेता के साथ अन्तिम देय राशि लगभग 1,423/-रू0 प्रति वर्गफीट तय हुई जो निकट के क्षेत्र के वर्तमान बाजार मूल्य से बहुत कम है।
जय श्री राम ?
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