पैगंबर पर टिप्पणी विवाद के बाद रांची में हिंसा के दौरान एक 16 साल का लड़का मुदस्सिर पुलिस की गोली का शिकार हो जाता है. लेकिन शांतिप्रिय समुदाय का असली खेल तो उसके बार शुरू हुआ. रांची हिंसा में मारे गए मुदस्सिर को उसकी मजहबी कट्टरता के लिए हीरो बनाया गया और तो और मुदस्सिर को कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने शहीद बताते हुए कहा कि सरकार उसके परिवार को गोद लें. उन्होंने कहा कि मुदस्सिर होनहार बच्चा था, जो हमारे बीच नहीं है.
एक बार फिर दंगे के इतने दिनों बाद इरफान अंसारी सोमवार को मुद्दस्सिर के परिवार वालों से मिलने पहुंचे। वहीं खबर ये भी है कि वे इस बात पर भी आग-बबूला हो गये थे कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में रांची हिंसा पर बात नहीं हुई ना ही कांग्रेस कोटे का कोई मंत्री रांची हिंसा में मारे गये साहिल और मुद्दस्सिर के परिवार वालों से मिलने पहुंचा . यहां तक की सरकार की तरफ से कोई मुआवजा भी नहीं दिया गया . इरफान अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि मामला अल्पसंख्यकों से जुड़ा है। इरफान अंसारी ने कहा हजारीबाग में रुपेश पांडेय की मौत होती है तो झारखंड सरकार का आधा कैबिनेट हाजिरी लगाने पहुंच जाता है लेकिन रांची हिंसा में चूं तक नहीं करता। लेकिन रुपेश पांडे की हत्या मामले में झारखंड सरकार का रवैया कितना लचर था ये हमने देखा है. खैर इरफान अंसारी इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने एक तरह से चेतावनी देते हुए कहा कि ‘हर आंसू की एक-एक बूंद का बदला लिया जायेगा। इसका हिसाब होगा।’. इसके मायने बखूबी समझे जा सकते हैं.
आपको याद होगा मुदस्सिर की मौत पर किस तरह से प्रोपेगेंडा फैलाया गया था. पत्रकार राणा अयूब ने मुदस्सिर की तस्वीर शेयर करते लिखा था कि ‘यह एक बड़ी चेतावनी है. इस तस्वीर से मेरी जान निकल रही है. इसे पोस्ट करना परेशान कर रहा है. लेकिन यह एक तस्वीर इस बात का प्रतीक है कि राज्य द्वारा भारतीय मुस्लिमों पर कितनी क्रूरता थोपी जा रही है. 15 साल के मुदस्सिर ने हेट स्पीच के खिलाफ कदम उठाया. और पुलिस ने उसकी हत्या कर दी.’ वहीं मुदस्सिर की मां ने भी बेटे को शहीद बताते हुए कहा था ‘एक मुदस्सिर के मरने पर सैकड़ों मुदस्सिर खड़े हो जाएंगे’ .
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