उत्तर प्रदेश प्रशासन अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहा है। चलाए जा रहे अभियान में यूपी एटीएस को इसी महीने लगातार तीसरी सफलता मिली है। अवैध रूप से म्यांमार के रोहिंग्याओं को बांग्लादेश और भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा में अवैध दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दिलाने वाले गिरोह के सक्रिय 4 सदस्यों को मेरठ, अलीगढ़ और बुलंदशहर से गिरफ्तार किया गया है।


बता दें कि बीते 8 जून को रोहिंग्याओं को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नागरिकता दिलाने वाले गिरोह के सरगना नूर आलम को पूर्व में गिरफ्तार साले के बताए गए इनपुट के आधार पर एटीएस ने पकड़ा था। गिरफ्तार किए गए मास्टरमाइंड से की गई पूछताछ में सामने आया कि म्यांमार और बांग्लादेश के रिफ्यूजी कैम्प से लोगों को भृमित करके भारत में महिलाओं समेत कई लोगों को नागरिकता दिलाई जा चुकी है।


बड़ा सवालिया निशान उठता है कि आखिर उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में चुनाव से पहले अवैध रोहिंग्या घुसपैठियों को क्यों बसाया जा रहा है। आखिर इसके पीछे कहीं डेमोग्राफी बदलाव की साजिश तो नहीं? अभी इससे पहले दिल्ली के मदनपुर में रोहिंग्या बस्ती में आग लग गई थी और तब दिल्ली सरकार ने रोहिंज्ञाओं को ₹10,000 और राशन व रहने की व्यवस्था प्रदान की थी।

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