बेचारी लुटी पिटी कांग्रेस , आज इस पार्टी की हालत ठीक वैसी ही हो गई है जैसे बुझने से पहले दिया थोड़ी देर जोर जोर से फड़फड़ाता है। पचास से भी कम सांसद और कुल गिने होने राज्यों में सरकार। उस पर आलम ये कि छत्तीसगढ़ हो या पंजाब या फिर राजस्थान , हर राज्य में तैनात सिपहसालार आपस में ही लट्ठम लट्ठ बजाए लहराए हुए घूम कूद रहे हैं। थोड़े थोड़े दिनों में इस पार्टी के अगुआओं में से कोई भी बारात में रूठे हुए फूफा बन कर मुँह फुलाए घूमने लगता है। और पूरी पार्टी लग जाती है फूफा को मनाने में।
इन दिनों पंजाब में क्रिकेट खिलाड़ी और पलटीमार सांसद सिद्धू तथा पंजाब के छी एम साब कप्तान जी के बीच घनघोर घमर्थन चल रहा है। एक उत्तर चलता है तो दूसरा दक्षिण। अभी हाल ही में पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत को भी इस मामले में कुछ बोलने की सज़ा मिली है और बेचारे माफी मांगते फिर रहे हैं। उधर सिद्धू ताल ठोक ठोक के कह रहे हैं ईंट से ईंट बजा दूँगा। भारत में न सही अपने दोस्त इमरान के मुलुक में जाकर वे बजा भी सकते हैं और कह भी सकते हैं ठोको ताली।
लेकिन आखिरकार -कुर्बानी देगा कौन , कुर्बानी देगा कौन -वाली समस्या का निदान ढूंढने के लिए कांग्रेस के चिर बाल वृद्ध युवराज श्री श्री राहुल गाँधी को ही सामने आना पड़ा और उन्होंने इसका समाधान ढूंढ ही लिया। तो मामला कुछ यूँ फिट हुआ है कि -राहुल गाँधी जो इस जनम में अब प्रधानमंत्री तो बनने से रहे सो आखिरकार वे पंजाब के नए सरदार -यानि नए मुख्यमंत्री बनेंगे।
ठोको ताली ब्रांड -जनाब सिद्धू -पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बैठ कर ही कांग्रेस का बड़ा गर्क करते रहेंगे , इसका उन्होंने मन ही मन खुद से वादा भी किया हुआ है और रहे कैप्टन अमरेंद्र सिंह। तो सीटों के हेर फेर के इस नए सेटलमेंट में बस एक ही विकल्प बचा है कि वे किसी कॉमेडी शो में सिद्धू की जगह लेकर -ओए गुरु ,हो जा शुरू -ठोको ताली वाला काम पकड़ सकते हैं। अड़चन सिर्फ एक ही आ रही है कि कैप्टन साब को सिद्धू वाली शायरी ज़रा काम ही आती है लेकिन वे चाहें तो पंजाब के ट्रक और ट्रैक्टरों के पीछे लिखी शायरी से टिप्स ले सकते हैं। तो जनता जनार्दन प्रेम से बोलो – तुनक तुनक तुन , तारारा , बल्ले बल्ले ते शावा शावा
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