जिस समय मोदी सरकार धारा 370 हटाने की बात करती थी उस समय महबूबा मुफ्ती जैसे लोग कहते नजर आते थे कि 370 अगर हटी तो कश्मीर में तिरंगा थामने वाला कोई नहीं मिलेगा। मगर आज घाटी में हालात तेजी से बदल रहे हैं अनुच्छेद 370 हट भी गया है और वहां खुले आसमान के नीचे शान से तिरंगा लहराया भी जा रहा है । आजादी के बाद पहली बार कश्मीर विश्वविद्यालय परिसर में खुले में राष्ट्रध्वज फहराया गया और राष्ट्रगान भी हुआ। अब दूर से ही विश्वविद्यालय परिसर में एक ऊंचे स्तंभ पर तिरंगा लहराता हुआ नजर आएगा।
यह लहराता तिरंगा कश्मीर में बदलती मानसिकता और मुख्यधारा में उसके शामिल होने का संकेत है। पूरे देश की तरह जम्मू कश्मीर में भी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव की शुरुआत हुई है। यह वही कश्मीर विश्वविद्यालय है जहां तिरंगा झंडा लहराने पर खूब बवाल होता था, मगर आज श्रीनगर में मौजूद इस विश्वविद्यालय परिसर में शान से तिरंगा लहरा रहा है।
अनुच्छेद 370 हटाने से पहले जम्मू कश्मीर में जब-जब फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की सरकारें रही हैं तब जानबूझकर इन लोगों ने वहां पर भारत के खिलाफ आवाजों को मुखर किया है और नई दिल्ली को यह संदेश दिया है कि महज तिरंगा और संविधान का पालन करने वाले यही लोग हैं, मगर मोदी सरकार ने फारुख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की इन राजनीतिक चालू को बेनकाब करते हुए वहां से अनुच्छेद 370 हटा कर इन्हें नजर बंद कर दिया है। ऐसे में आज आम कश्मीरी बंदूक की गोली से और अलगाववादियों के कुटिल दिमाग से परे हटते हुए तिरंगे को सम्मान भी दे रहा है और उसे लहरा भी रहा है।
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