जामताड़ा के कांग्रेसी विधायक हैं डॉक्टर इरफान अंसारी जो सच में एमबीबीएस डॉक्टर हैं ,परंतु झारखंड की जनमानस इन्हें झारखंड के पप्पू के नाम से भी जानती है, बेतुकी बयानबाजी और मीडिया में छाए रहने की गजब लालसा है,इसके लिए कुछ भी बोल सकते हैं, इतना ही नहीं अपने से ज्यादा किसी को ना तेज समझते हैं ,ना होशियार समझते हैं ,उन्हें लगता है कि जो कुछ भी हैं ,वही हैं निजाम ,शहंशाह या बादशाह।
इसी गलतफहमी का शिकार होकर इन्होंने आज झारखंड विधानसभा में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं जन जन के नेता श्री बाबूलाल मरांडी जी को कह दिया कि एक आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है मानो इनकी नजर में आदिवासी एक बुद्धू है, आदिवासी मूर्ख है ,आदिवासी बेवकूफ है। इनकी नजर में आदिवासियों की कीमत सिर्फ वोट बैंक के बराबर है ,उससे ज्यादा कांग्रेस ना आदिवासियों की इज्जत करती है, ना उन्हें अपना समझती है ,ना ही उन्हें नेतृत्व करने लायक नेता मानती है। डॉक्टर इरफान अंसारी की बोली में कांग्रेश की ओछी मानसिकता साफ दिखाई दे रही थी जहां उन्हें लग रहा था कि एक आदिवासी कैसे इतना स्मार्ट हो सकता है, राजनीति कितनी गहरी बारीकियों को कैसे जानता है ,और राजनीति को इतना सुंदर तरीके से कैसे समझता है।
परंतु देखा जाए तो डॉक्टर इरफान अंसारी का रवैया लगभग से हमेशा ऐसा ही रहा है अभी 1 दिन पूर्व हुई उन्होंने हिंदुओं के मंदिर में जाकर उनका अपमान किया था ,माथे से तिलक में मिटाया था और उन्हें आबादी का डर दिखाते हुए कहा था कि हमारी आबादी ज्यादा है तो तुम मुझे ही वोट दो वरना तुम्हारा बहुत बेकार हो जाएगा।
परंतु कांग्रेस के यह नेता भूल जाते हैं कि आज भारत देश में वह गौरवशाली क्षण है जबकि यहां एक महिला आदिवासी राष्ट्रपति नेतृत्व कर रही है, देश के प्रथम नागरिक एक आदिवासी है। मोदी सरकार में कई आदिवासी मंत्री के पद पर काम कर रहे हैं और देश का विभिन्न विषयों पर नेतृत्व कर रहे हैं। आदिवासियों के लिए अलग से जनजाति विषय पर मंत्रालय बनाए गए हैं। आज आदिवासी समाज विदेश से लेकर देश तक अपना परचम लहरा रहा है।
यही आदिवासी समाज लगातार भारत को ओलंपिक में हॉकी के खेल में गोल्ड मेडल दिलाता रहा है ,यही आदिवासी समाज लगातार भारत के एथलेटिक्स फुटबॉल एवं अन्य खेलों में गोल्ड मेडल दिलाने का काम कर रहा है।
पर हंसी तो तब आती है जब मणिपुर में कुकी को आदिवासी होने का समर्थन कांग्रेस करती है और झारखंड में आदिवासियों को बेवकूफ समझती है, उनका अपमान करती है। क्योंकि कांग्रेस की नजर में जिस आदिवासी ने ईसाई धर्म अपना लिया है, वह स्मार्ट है, ज्ञानी है, बुद्धिमान है,परंतु जो आदिवासी हिंदू धर्म मानता है, अपने धर्म रिती रिवाज का पालन करता है, वह उनकी नजर में मूर्ख है, वह इतना तेज कैसे हो सकता, वह इतना स्मार्ट कैसे हो सकता है ,यह उनके लिए हमेशा से सवालिया निशान रहा है।
कांग्रेस कभी भी आदिवासियों के हित में नहीं रही है, कॉन्ग्रेस आदिवासियों को हमेशा दोयम दर्जे का नागरिक ही समझती रही है, कांग्रेस ने हमेशा धर्म के आधार पर आदिवासियों के साथ भेदभाव किया ,कांग्रेस ने हमेशा इसाई मिशनरियों का साथ दिया ताकि आदिवासी और गरीबी में जाएं ताकि उनका और ज्यादा इसाई धर्म कन्वर्जन किया जा सके ,कांग्रेस ने हमेशा ईसाई मिशनरियों का साथ लेते हुए आदिवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया है ।

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