#KreatelyMedia लगातार जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात करता रहा है। देश में डेमोग्राफी किस तरह से चेंज हो रही है ये चिंता का विषय है और अभी हाल ही में आई हुई यूपी और असम पुलिस की रिपोर्ट इस पर मुहर लगाती है ।

असम पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक 2011 से 2021 तक बीते एक दशक में सीमावर्ती क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन की दर 31.45% पहुंच गयी है। जबकि पूरे देश और राज्य में यह बदलाव क्रमशः 12.50% और 13.54% है। इस आधार पर सीमावर्ती इलाकों में मुस्लिम समुदाय की आबादी लगभग 20 फीसदी तक बढ़ चुकी है।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक भारत-नेपाल सीमा पर कुछ जिलों में हिंदुओं, मुसलमानों और सिखों की मिश्रित आबादी है। रिपोर्ट के मुताबिक सीमावर्ती क्षेत्रों में सामान्य रूप से जनसंख्या वृद्धि राष्ट्रीय औसत से अधिक थी और सीमावर्ती गांवों में मुस्लिम आबादी में लगातार वृद्धि हुई थी। रिपोर्ट में इनपुट बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में मस्जिदों और मदरसों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि सीमा के दोनों किनारों पर बदलती जनसांख्यिकी के नतीजे की पुष्टि करती है।

यूपी के 7 जिलों के 116 गांवों में मुस्लिम आबादी 50 परसेंट से ज्यादा बड़ी है। सरहद के 303 गांव ऐसे हैं जिनमें मुसलमानों की आबादी 30 फ़ीसदी से ज़्यादा बड़ी है इन इलाकों में मस्जिदों की संख्या 25% तक बढ़ गई है।

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.