भारत का 70 साल का इंतजार शनिवार को खत्म हुआ। नामीबिया से आए 8 चीतों ने देश की सरजमीं पर पहला कदम रखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर 3 चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा।
एक तरफ जहां देश में खुशी है लोग इस पल को ऐतिहासिक बता रहे हैं वहीं देश की सबसे पुरानी पार्टी का राग आलापने वाली कांग्रेस को पता नहीं चीतों से क्या दुश्मनी है जो चीतों के भारत आने से कांग्रेस के नेता गुस्से में लाल हो गए हैं. जहां पीएम मोदी अपने 72वें जन्मदिन के मौके पर देश को महत्वपूर्ण सौग़ात देने जा रहे हैं। वहीं मीडिया और वामपंथी नामीबिया से लाये गए चीते को लेकर हो-हल्ला कर रही है. अब बताइए इसमें बेचारे बेजुबान चीते की क्या गलती जो कांग्रेस वाले चीते के पीछे ही पड़ गए हैं.
कांग्रेस ने देश लाये जा रहे चीतों के मामले में कहा कि चर्चा चीते पर नहीं बल्कि रोजगार पर होगी. एक दूसरे ट्वीट में कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि वो चीता दिखाएंगे – हम बेरोजगारी पर बतियाएंगे.
अब बताइए रोजगार और चीतों का क्या संबंध है. क्या चीते इंसान से ज्यादा बुद्धिमान हैं जो इंसान की जगह चीतों को नौकरी मिल जाएगी. आखिर चीते से कांग्रेस वालों का ये कैसा बैर है, चीते क्या कांग्रसियों के राजनीतिक प्रतिद्वंदी हैं जो कांग्रेस पार्टी के नेता इस तरह से चीतों पर हमला कर रहे हैं.
लेकिन हां चीतों पर कांग्रेसी हमला भी करेंगे और चीतों को भारत लाने के लिए क्रेडिट लेने में पीछे भी नहीं रहेंगे. कांग्रेस ने क्रेडिट लेते हुए कहा कि प्रोजेक्ट चीता के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह सरकार में मंजूरी दी गई थी. 14 साल पहले 2008-09 इस प्रस्ताव को लाया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक की वजह से अब इसे पूरा किया जा रहा है. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है. जिसमें तत्कालीन वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की फोटो शेयर की गई है. कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, प्रोजेक्ट चीता का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ. मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे स्वीकृति दी. अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई. इसके बाद 2020 में रोक हटी. अब चीते आएंगे.
'प्रोजेक्ट चीता' का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ।
मनमोहन सिंह जी की सरकार ने इसे स्वीकृति दी।
अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री @Jairam_Ramesh जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए।
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई, 2020 में रोक हटी।
अब चीते आएंगे pic.twitter.com/W1oBZ950Pz
— Congress (@INCIndia) September 16, 2022
दरअसल कांगेसियों का चीता प्रेम कुछ ज्यादा ही जग गया है जयराम रमेश ने ट्वीट में कहा कि ये सब पीएम का बेवजह का तमाशा है जो भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान भटकाने की कोशिश है”
2009-11 के दौरान जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया तब कई लोग आशंकाएं व्यक्त कर रहे थे।वे गलत साबित हुए।चीता प्रोजेक्ट पर भी उसी तरह की भविष्यवाणीयां की जा रही हैं।इसमें शामिल प्रोफेशनल्स बहुत अच्छे हैं।मैं इस प्रोजेक्ट के लिए शुभकामनाएं देता हूं! 2/2
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 17, 2022
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्वीट कर कहा कि “क्यूँकि हमारा शेर भारत जोड़ो यात्रा पर निकला हुआ है तो भारत तोड़ने वाले विदेश से अब चीते ला रहे हैं”
क्यूँकि हमारा शेर #भारत_जोड़ो_यात्रा पर निकला हुआ है तो भारत तोड़ने वाले विदेश से अब चीते ला रहे हैं https://t.co/KhivEM4an7
— Pawan Khera 🇮🇳 (@Pawankhera) September 17, 2022
दरअसल कांग्रेस पार्टी और वामपंथी पीएम मोदी के जन्मदिन के मौके पर खुद तमाशा कर जबरदस्ती का क्रेडिट लेने में लगे हुए हैं. इन्हें मालूम होना चाहिए कि महान नेताओं की यह आदत होती है कि वे अपने जीवन का खास दिन देश के प्रति समर्पित करते हैं और पीएम नरेंद्र मोदी भी इसी परम्परा का अनुसरण करते आए हैं। लेकिन कुछ लोग बिना मतलब पीएम मोदी और बीजेपी के खिलाफ गलत बयानबाजी के इंतजार में रहते हैं. और कांग्रेस इसमें अव्वल नंबर पर है!
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