‘द कश्मीर फाइल्स’ की अपार सफलता के बाद देश का लिबरल गुट किस तरह बिलबिला उठा है सोशल मीडिया पर फिल्म के खिलाफ हमने उनका एजेंडा देख लिया है . फिल्म के रिलीज होने से पहले ही वामपंथियों की तरफ से रोड़े अटकाने की असफल कोशिश की गई. उनके लाख एजेंडों के बावजूद फिल्म ने विपरीत परिस्थितियों में न केवल लगभग 350 करोड़ की पूरी दुनिया में कमाई की बल्कि दशकों तक जिस सच्चाई को देश से छिपाने का काम किया गया वो भी लोगों के सामने आया . लेकिन एक सच ये भी है कि देश का लिबरल गुट हमेशा टकटकी लगाए इसी जुगत में बैठा है कि कैसे भी द कश्मीर फाइल्स के खिलाफ एक एजेंडा मिल जाए जिससे उनका काम निकल सके. फिल्म की सफलता वामपंथियों को अभी तक हजम नहीं हो पा रही है , इसलिए वे नए-नए हथकंडे आपनाकर ‘द कश्मीर फाइल्स’ की विश्वसनीयता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। ये फिल्म कश्मीरी हिंदुओं पर हुए अत्याचार और उनके नरसंहार पर आधारित है, लेकिन विकिपीडिया के लिए ये सब झूठ है और एक “मनगढ़ंत षड्यन्त्र” है।
जी हां सही समझ रहे हैं आप, खुद विकिपीडिया के पेज पर इस तरह की बातें ‘द कश्मीर फाइल्स’ के लिए बताई जा रही है. जिसके बाद विकिपीडिया को खरी-खोटी सुनाते हुए खुद फिल्म के निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा, “प्रिय विकिपीडिया, आप Islamophobia, Propaganda, Sanghi, Bigot इत्यादि एड करना भूल गए क्या? ऐसा है तो अविलंब कीजिए। जाइए जाइए, विलंब मत कीजिए” –
Dear @Wikipedia,
You forgot to add ‘Islamophobia… propaganda… sanghi… bigot… etc’.
You are failing your Secular credentials. Hurry, edit more. pic.twitter.com/c0KyfCc1Co
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) May 1, 2022
दरअसल मीडिया का एक हिस्सा लगातार फिल्म को बदनाम करने में लगा हुआ है। विकिपीडिया की वामपंथी सोच भी इससे अलग नहीं है. अपने अंधविरोध में इस पोर्टल ने तो अपनी लिमिट ही क्रॉस कर दी. इस फिल्म को पीएम मोदी से जोड़ना, टैक्स फ्री होने पर सवाल उठाना, बिना वजह में फिल्म को लेकर बवाल मचाना न जाने फिल्म को लेकर और कितनी ही गलत बाते इस पेज पर बताई गई. असल में सारी सच्चाई तब सामने आयी जब विवेक अग्निहोत्री ने इस ट्वीट को शेयर किया।
भारत विरोधी पत्रकारिता का एजेंडा चलाने वाले BBC न्यूज से लेकर स्क्रॉल, द क्विंट, द वायर, जैसे वामपंथी पोर्टल्स को सत्य मानकर जिस तरह से विकिपीडिया ने उनका महिमामंडन किया है उससे एक बात तो साफ दिखती है कि वामपंथी अपनी बात को सच साबित करने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब इस विषय पर विवाद बढ़ा, तो विकिपीडिया ने चुपचाप कंट्रोवर्सी वाले पार्ट को हटा दिया लेकिन काल्पनिक कथा वाली बात जस का तस छोड़ रखा है .
ठीक इसी तरह हाल ही में विवेक अग्निहोत्री ने ‘मातृभूमि’ की पत्रकार को भी लताड़ लगाई जब वे फिल्म के खिलाफ जहर उगल रही थी. विवेक अग्निहोत्री का इंटरव्यू लेते हुए महिला पत्रकार मधु ने ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कला के जरिये घृणा फैलाने वाला काम करार दिया। इस पर निर्देशक ने उनसे सवाल किया कि क्या कश्मीर में हजारों निर्दोष लोगों की हत्या ठीक थी? क्या इस पर चुप्पी सही है? इस पर पत्रकार का कहना था कि हमें गड़े मुर्दे नहीं उखाड़ने चाहिए। लेकिन अपने जवाब से विवेक अग्निहोत्री ने ‘मातृभूमि’ की पत्रकार के कुतर्क की धज्जियां उड़ा दी. वो भी तब जब ‘मातृभूमि’ की पत्रकार मधु पर ‘द कश्मीर फाइल्स’ पर लगातार ये आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने खुद अब तक ये फिल्म नहीं देखी है। हालांकि इतनी बेइज्जती के बाद ‘मातृभूमि’ ने वीडियो के इस हिस्से को इंटरव्यू से डिलीट कर दिया।
जाहिर है कट्टरपंथी लिबरल फिल्म के खिलाफ अपनी खीज और झूठा एजेंडा चलाने से अब भी बाज नहीं आ रहे हैं.
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