इस समय पूरे देश भर में किसी राज्य का सबसे कर्मठ , बेहतरीन ,प्रतिबद्ध और निष्ठावान मुख्यमंत्री है तो इस समय निःसंदेह वो नाम उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ का है। योगी के पिछले साढ़े चार साले के क्रांतिकारी परिवर्तन के समय में उत्तर प्रदेश ने क्या कर कैसा बदलाव महसूस किया उसका सकारात्मक और नकारात्मक परिणाम तो कुछ समय में सामने होगा ही , लेकिन इतना तो योगी ने तय कर ही दिया है कि अब उत्तर प्रदेश को आतंक कर गुंडाराज का पर्याय नहीं माना जा सकेगा।

योगी की पुलिस की जीप हो या योगी के प्रशासन का बुलडोज़र , दोनों ही पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश के माफिया , बाहुबली , दबंग , के मंसूबों और काली कमाई से खड़ी की गई सारी सल्तनत पर ऐसी फिर कि बस सबकी किस्मत ही पलट गई। कोई गाडी के पलटने के साथ ही पलट कर दुनिया से चल दिया तो कोई आज अस्पताल और जेल में अपने जान की खैर मना रहा है।

रही बात बेईमानी और भ्रष्टाचार , गुंडागर्दी से खडी की गई अकूत संपत्ति की तो उसको योगी प्रशासन ने धूल में मिला कर मटियामेट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इतने पर भी मान जाएं तो फिर वो योगी ही कहाँ। अब योगी सरकार ने फैसला किया है कि , भू माफियाओं के कब्जे से छुड़ाई गई सारी जमीनों पर कर्मचारियों के लिए सरकारी आवास बना दिए जाएं।

कमर्चारियों में सबसे निचले स्तर यानी समूह घ व ग के लिए सरकारी आवास की ये योजना ऐसी है जिसकी मांग बहुत समय से की जा रही थी। असल में सरकारी दफ्तरों के बड़े शहरों , शहरों में होने के कारण , कर्मचारियों को अपने गाँव ,कस्बे को छोड़ कर नौकरी के कारण बहुत लम्बे समय तक अस्थाई आवासों में रहना पड़ता है इसलिए कर्मचारियों ने इस कदम का खुल कर स्वागत किया है

उत्तर प्रदेश में भू माफियाओं द्वारा जबरन सरकारी भूमि पर कब्जा जमाने की प्रव्रुत्ति इतनी अधिक और इतनी आसान थी कि सिर्फ पिछले साढ़े चार साल में ही योगी प्रशासन ने डेढ़ लाख करोड़ एकड़ भूमि को इनके कब्जे से निकाल कर दोबारा सरकार के अधीन कर लिया है। पिछले दो तीन दशकों में ये सब किया कर कितना किया जा चुका होता इसकी कल्पना सहज ही की जा सकती है।

आजम खान और अतीक अहमद , अंसारी जैसे कितने ही राजनैतिक अपराधियों ने तो सपा और बसपा सरकारों में अपनी एक समानांतर सरकार ही खड़ी कर ली थी और लालच और हवस में अंधे होकर पुरे उत्तर प्रदेश को लूट खाया था।

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