वृन्दावन, मथुरा (उत्तर प्रदेश), 30 नवम्बर 2024: उत्तर भारत के वृन्दावन स्थित बालाजी धाम में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित उत्तर भारत हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में 54 से अधिक हिन्दुत्ववादी संगठनों ने भाग लिया। इस अधिवेशन में काशी और मथुरा के मंदिरों के न्यायालयीन विवाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा शीघ्र सुनवाई की मांग प्रमुखता से उठाई गई।

हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगले ने कहा कि भारत की अखंडता और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अनिवार्य है। उन्होंने चेताया कि अमरीका के प्यू रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक भारत में मुस्लिम आबादी विश्व में सबसे अधिक होगी। साथ ही, मणिपुर और मिजोरम को अलग ईसाई राष्ट्र बनाने के षड्यंत्र और वक्फ कानून के माध्यम से “लैंड जिहाद” जैसे खतरों पर ध्यान आकृष्ट किया।

अध्यात्मिक गुरु पू. (डॉ.) अनुराग कृष्ण पाठक महाराज ने अधिवेशन में यह मांग दोहराई कि काशी और मथुरा के विवादों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जानी चाहिए। वहीं, पावन चिंतन धारा आश्रम के पू. पवन सिन्हा गुरुजी ने उत्तर प्रदेश सरकार के निर्णय का स्वागत करते हुए देशभर में अवैध हलाल सर्टिफिकेट पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता पर बल दिया।

आचार्य महामंडलेश्वर प्रणवानंद सरस्वतीजी ने बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे आक्रमण पर चिंता व्यक्त करते हुए भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश सरकार पर दबाव बनाकर वहां के हिन्दुओं के मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करे।

हिन्दू जनजागृति समिति ने काशी और मथुरा के मंदिरों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की मांग को लेकर आज से एक ऑनलाइन पिटीशन की शुरुआत की है।

अधिवेशन में उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड और जम्मू जैसे राज्यों से 54 हिन्दुत्ववादी संगठनों के 120 से अधिक प्रतिनिधियों, संतों, अधिवक्ताओं, विचारकों, मंदिर न्यासियों, संपादकों, उद्यमियों और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।

 प्रमुख मांगें:

1. काशी और मथुरा के मंदिर विवाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट में शीघ्र सुनवाई की जाए ।
2. देशभर में अवैध हलाल सर्टिफिकेट पर प्रतिबंध लगाया जाए ।
3. बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार के विरुद्ध ठोस कदम उठाया जाए ।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति,

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