(असली बनाम नकली )
नकली भाभी , नकली चेहरा , नकली रोना रो आये
गले लगा कर , हाथ हिलाकर , वाह वाही ले आये !
क्या दिया उस बेटी को जो चीत्कार कर के मर गयी
जल गयी जो अंधकार में उस राख पे नाच कर आये !
बाप , दादी और नाना ने ताउम्र यही तो सिखाया है
तभी तो दंगा कर कर के तुमने वर-सम्पति बनाया है !
क्या सोचा तुमने भारत ये वही पुराना भारत है
आग लगा कर पूछती तुम ” बताइये सब खैरियत है ?
अब नस हैं तुम्हारे खुल चुके खून रिसते दिख है रहा
बाल नोचती डायन तुम अब कोई नहीं तुम्हें सुन रहा !
दिन दूर नही जब गली राह में जनता मूंह पर थूकेगी
गिन-गिन कर , चुन-चुन कर हर जख्मों का हिसाब लेगी !
सब गिद्धचाल है पसर गया अब तुमसे समेटा ना जायेगा
अब हर देशी कपिल मिश्रा है तेरे घर पर आके चिल्लाएगा !
जाकर देखो करौली में जहाँ आज बेचैन वेदना ने दम तोडा
एक मां से जब एक एक पुत्र मिला जयजय भारत बोल पड़ा !
ये छल प्रपंच तुमको शोभे तुम ही इन सबकी जननी हो
हम जान चुके हैं असली को और तुम सोना एक नकली हो !
_दिशव
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