पूरा देश कोरोना महामारी जैसे बड़े संकट से जूझ रहा है। अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। गरीब हो या अमीर सभी सिर्फ धरती के भगवान यानि डॉक्टर्स पर निर्भर है, मरीजों को बचाने के लिए दिन रात हमारे डॉक्टरर्स अपना परिवार, घर बार छोड़ कर लगे हुए हैं. वे अपनी जान पर खेल कर कोरोना संक्रमित लोगों का इलाज कर रहे हैं.
कोरोना मरीजों की तादाद बढ़ने के कारण अस्पताल प्रशासन को भी काफी परेशानी आ रही है। लेकिन इस बीच हरियाणा के जींद से एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है जिससे डॉक्टरों के लिए हमारे दिल में और इज्जत बढ गई है. जहां कोरोना वायरस संक्रमितों की बढ़ती संख्या से हर कोई डर के साये में जी रहा है. वहीं जींद के डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रमेश पांचाल ने स्ट्रेचर की सुविधा न मिलने की वजह से परेशान गंभीर हालत में आई एक महिला को अपने हाथों में उठाया और अंदर अस्पताल की तरफ भागे. गंभीर हालत में तड़पती महिला की हालत सिविल सर्जन से देखी नहीं गई और उन्होंने महिला को अपने हाथों से गोद में उठा कर अस्पताल के अंदर पहुंचाया. सिविल सर्जन के इस काम को देखकर को वहां खड़े हर शख्स ने सलाम किया . लेकिन एनीमिया ग्रस्त महिला सोनिया ने दम तोड़ दिया. वह 8 महीने की गर्भवती थीं. उनकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई है. महिला की पहचान उत्तर प्रदेश के बांदा निवासी सोनिया के रूप में हुई है. सोनिया अपने पति रामशाही के साथ गांव खरकरामजी के एक ईंट भट्ठे पर मजदूरी करती थी.
दीपेंद्र हुड्डा ने की डॉक्टर को किया सलाम
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने ट्वीट कर डॉक्टर की तारीफ करते हुए लिखा कि जींद के सामान्य हॉस्पिटल में स्ट्रेचर नही मिला और महिला की स्थिति गंभीर दिखी तो महिला मरीज को दोनों हाथों में उठाकर दौड़े डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर रमेश पांचाल…. salute sir कौन कहता है इंसानियत मर गयी है?
जाहिर है जींद के सिविल सर्जन ने जिस तरह से इस महिला मरीज की मदद की वो काबिले तारीफ है. वाकई हमारे डॉक्टरों को हम यूं ही धरती का भगवान नहीं कहते।
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