डायमंड हार्बर ममता बनर्जी के भतीजे का क्षेत्र जहां के SC मोर्चा का राज्य अध्यक्ष ने कहा कि उसके पूरे इलाके में भय का माहौल है, घर जला दिया गया है।
सारे दलित थे वहां और उसकी तड़प, पीड़ा , जान बचाने की भीख मांगना उनकी कोई बात सुनने वाला नहीं। सोचिए यूटयूब पत्रकार नितिन शुक्ला से जान की भीख मांग रहे हैं।
पता नहीं दलित नेता सारे चुप हैं जबकि हमारा खून खोल रहा है।
इस वीडियो मे सुन सकते हैं।


इनको रोहिंग्या कुछ भी कर दे पर आपसी झगड़े में भी भीम आर्मी जैसे नेता कारों का काफिला निकल कर चलते हैं और मीडिया जातीय दंगे भड़काने के लिए उकसाती है। बंगाल में हिंदुओं के ऊपर इस अत्याचार से इतना मनोबल गिरा दिया कि अब लगता है जमीर भी मर सी गई है। कायरता नपुंसकता सब भर सा गया है।
आखिर मैं इसपर बोल भी क्यूं रहा हूं मैं तो अपनों से ही मार खाता रहा हूं। मुझे उन बंगालियों के लिए क्यूं बोलना । पर आज इस डिजिटल इंडिया जहां प्रेस की आजादी है पर वहां ताला लगा है। बिहार के मधुबनी में होली के दिन आपसी झगड़ों में हुए हत्या में ऐसा लग रहा था पूरा देश हिल जाएगा। राजस्थान से लोग आ रहे थे क्यूंकि उसमे पीड़ित सवर्ण अपराधी सवर्ण और दलित समाज से थे । आग लगती तो हिंदुओं के ही घर जलते।
राहुल गांधी प्रियंका वाड्रा जैसे नेता एक चोर के मर जाने से भी हंगामा करा देते है और जिस राज्य में 30 वर्ष सरकार चलाई है उनके भी कार्यकर्ता के घर जलाए गए क्यूंकि वो हिन्दू थे फिर भी मौन है। यह कोई बहुत बड़ी साजिश है क्यूंकि कोई नहीं बोल रहा है। ना सत्ता पक्ष ना ही विपक्ष ना ही सुप्रीम कॉर्ट ना ही कोलकाता हाई कॉर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। इतने बड़े घटना के बाद भी कोई हेडलाइन नहीं। आज सब कुछ बेकार सा लगता है। हम इस देश मे हैं जहां सबसे बड़े लोकतंत्र की बात करते हैं।
यहां खुद को परशुराम, राम, कृष्ण के बंसज और वो दलितों का भीम आर्मी वाला रावण बताने वाले एक कमजोर पर लाठी उठाने वाले और राजनीति के नाम पर रोटी सेंकने वाले जैसे लगते हैं। जब कश्मीर से पंडित भागा था तब भी देश मजे ले रहा था। आज भी वो विपक्षी दल इस घटना पर जश्न मना रहे हैं।
ऐसे लोकतांत्रिक व्यवस्था की कल्पना भी बेईमानी है जहां विरोधी विचारधारा का नरसंहार हो। कश्मीर में एक मुस्लिम बालिका आसिफ कांड के बाद हिन्दू अपने DP में JUSTICE FOR ASIFA की तस्वीर लगाते थे पर वही लोग हिन्दू नरसंहार पर चुप हैं।
जिहादी ताकतें कई हिन्दू महिलाओं का बलात्कार कर रहे हैं। Do politics के नाम से पत्रकार ने भी इसकी जानकारी दी है।
Trinmul के कार्यकर्ता बता कर जिहादी ताकतों को छुपाया जा रहा है पर यह कोई BJP बनाम TMC नहीं है। यह बंगाल को मुस्लिम बहुल बना कर भारत से तोड़ने की सोची समझी रणनीती है जिसको दरकिनार नहीं किया जा सकता।
मैं ऐसे भारत की कल्पना करने वालों उन महापुरूषों को भी आज सम्मान देना उतना उचित नहीं समझता कुछ कमी रही होगी जो वो अपने आदर्शों को शायद सही ढंग से ना समझा पाए हों।
यह 1946-47 से भी बड़ी घटना है क्यूंकि आज यही सत्य है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश कि हालत देखकर कोई अलग देश की मांग नहीं कर रहा क्यूंकि जब पूरे देश पर ही कब्जा किया जा चुका है तो कोई भारत को अब क्यूं तोड़ेगा। जी हां मैं वहीं बात कर रहा हूं जिसका आपको शक हैं। क्या भारत एक अघोषित शांतिदूत राष्ट्र बन गया है।
यह सबूत भी है दिल्ली दंगे 3 दिन भारत की राजधानी में एक पुलिस के तरफ से गोली नहीं चली। 4 महीने सड़क जाम पर सड़क नहीं खुली वहीं दूसरी तरफ सुदर्शन वाले और कुछ लोग शुशंत सिंह राजपूत के लिए धरना दे रहे थे कहीं तो एक ही घंटे में पुलिस ने वो जगह खाली करवा दी। सूत्रों के हवाले से 1 लाख के करीब लोग बंगाल छोड़कर जा चुके हैं 3 दिन में। बंगाल जल रहा है महिलाएं, बच्चे चीख रहे हैं। एक अजीब सा शोर है। मेरे कानों में एक ही आवाज सुनाई देती है। ‘ हमें बचा लो’
पिछले बिहार विधान सभा चुनाव में मुंगेर में बिना किसी वजह के दुर्गा पूजा विसर्जन के दौरान एक पोद्दार युवक की पुलिस द्वारा हत्या हो गई। यह सब कोई संयोग नहीं है । क्या यह टेस्टिंग तो नहीं थी बंगाल वाली।
अंततः वो कामयाब हुए हर जगह जिसने देश के विरुद्ध काम किया। हे राजनेताओं लिखते वक्त भी मेरे कानों में वही आवाज गूंज रही है और हर एक शब्द में मुझे बचा लो की आवाज़ आ रही है।
90 के दशक में जब कश्मीर से हिंदुओं का नरसंहार और पलायन की खबरे आ रही थी तब भी कई लोगों ने इसे मास्टर स्ट्रोक कहा था।

बंगाल के मूल हिंदुओं की रक्षा करो प्रभु।
अमित कुमार

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