नवरात्रिश्री आदिशक्ति की उपासनामांगल्य और पवित्रता का पर्व हैपरंतु आज देशभर में बढते हुए महिलाओं पर अत्याचारलाखों की संख्या में महिलाओं के लापता होने, ‘लव जिहाद’ के माध्यम से हिंदू युवतियों को निशाना बनाए जाने जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। इसलिए नवरात्रि उत्सव में ‘लव जिहाद’ से महिलाओं की सुरक्षा और उत्सव की पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। ऐसे में जिन लोगों को मूर्ति पूजा मान्य नहीं हैउन्हें देवी की मूर्ति के सामने गरबा खेलने का प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए। गरबा हिंदुओं का धार्मिक उत्सव है। केवल उन्हीं को वहां आना चाहिए जिनकी आस्था हिंदू देवताओं में है। जो मूर्तिपूजा नहीं मानते और गरबा में शामिल होने का प्रयास करते हैंउनके माध्यम से ‘लव जिहाद’ का संकट पैदा होने की संभावना है। इसलिए ‘लव जिहाद’ को रोकने और उत्सव की पवित्रता बनाए रखने के लिए गरबा में केवल हिंदुओं को ही प्रवेश दिया जाएऐसा आह्वान हिंदू जनजागृति समिति ने नवरात्रि के अवसर पर सभी गरबा आयोजकों से किया है।

       इस संदर्भ में गुजरातमध्य प्रदेश सहित महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए हर व्यक्ति का आधार कार्ड देखकर प्रवेश देने का निर्णय लिया हैजिसका हम दिल से स्वागत करते हैंलेकिन यह नियम केवल कुछ राज्यों या जिलों में नहींअपितु पूरे देशभर में लागू किया जाना चाहिए। आज देशभर में अवैध रूप से घुसपैठ किए हुए बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की संख्या बड़ी मात्रा में बढ रही है। सुरक्षा एजेंसियों को इन घुसपैठियों का अपराधी गतिविधियों में शामिल होने का पता चला है। यह बहुत ही गंभीर है और नवरात्रि उत्सव में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपराधिक कृत्य करने की कोशिश की जा सकती है। इसलिए गरबा आयोजकों को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए।

      जिन गैरहिंदुओं को नवरात्रि में गरबा में भाग लेना होउन्हें पहले श्रद्धा के साथ विधिपूर्वक हिंदू धर्म को अपनाना चाहिए। हिंदू देवताओं की पूजाअर्चना करनी चाहिए। तिलक धारण करके फिर गरबा उत्सव में शामिल होना चाहिए। अन्यथा गणेशोत्सवरामनवमी आदि के जुलूस निकलते हैंतब गलती से गुलाल पड़ने या लाउडस्पीकर की आवाज को लेकर दंगे करने वाले लोग नवरात्रि के गरबा में आनंद से कैसे शामिल होते हैंयह सवाल उठता है। इसलिए गैरहिंदू किस उद्देश्य से गरबा में प्रवेश करने का प्रयास करते हैंयह महत्वपूर्ण हैइस ओर समिति ने भी ध्यान आकर्षित किया है। 

     नवरात्रि का अर्थ हैनौ दिनों तक देवी की भक्तिभाव से आराधना का व्रतऔर इसकी पवित्रता बनाए रखना आवश्यक है। आजकल नवरात्रि में फिल्मी अश्लील गीत बजानेउन पर अशोभनीय तरीके से नाचनेमहिलाओं के साथ छेड़छाड़ करनेछोटे कपड़े पहनकर गरबा में शामिल होने जैसी घटनाएं हो रही हैं। इससे महिलाओं की सुरक्षा को खतरा हो सकता हैइसलिए इसे रोका जाना चाहिए। साथ ही उत्सवों के बाजारीकरण को रोकने के लिए भी प्रयास किए जाने चाहिएऐसा समिति ने कहा है।

श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिंदू जनजागृति समिति,

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