ये हिंदुस्तान है ,और यहाँ की मिट्टी के कण कण में “हिन्दू” है ! किरायेदार लाख कोशिश कर लें , अपने अस्तित्व  को दफ़न रखना चाहें- रख ले , लेकिन हिंदुस्तान का बच्चा बच्चा जानता है कि किरायेदार  कौन  हैं , और इनके  पूर्वज कहाँ के थे ! सांप लाख कोशिश कर ले कि केचुआ शरीर से चिपका रहे लेकिन उसे उतर जाना ही पड़ता है !

जिस देश में आकर मुगलों ने शाशन किया, और जबरदस्ती इस देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए हिन्दुओं को तलवारों ककी नोंक पर धर्म परिवर्तन करबाया वे भले ही अपने आप को मुस्लिम कहते रहे लेकिन सच को नही दबा सकते ! सच यही है कि ये लोग परिवर्तित मुस्लिम हैं ! स्वेक्छा से धर्म बदलना या जिस किसी भी  मजहब को अपना लेना , एक सामान्य बात है , और इसके खिलाफ मैं हूँ भी नही l लेकिन तलवारों की  नोंक  पर जिनके पूर्वजों  को मुगलों ने मुस्लिम बनाया वे अपने अस्तित्व को खोजना भी नही चाहते ये  निश्चित  ही आश्चर्यजनक है !

एक मनुष्य, जिसको पता चल जाए कि उनके पूर्वजों के साथ अन्याय हुआ था उसका  खून भी उन आक्रांताओं के  लिए ना खौले, तो मेरी नजर में या तो वह पागल है जिसके पास अपनी चेतना नही, या तो फिर सोनिया गाँधी है , जो  अपने पति के कातिलों के साथ , सिर्फ सत्ता लोभ में , वार्तालाप करती दिखी थी ! और वर्तमान में जिस  नक्सल-वादियों ने माथे का सिंदूर उजाड़ डाला, उसके साथ गठबंधन कर के देश को बर्बाद करने के तरीके  या  उपाय ढूंढ रही हैं ! उदाहरण में  जेनयु या बॉलीवुड आपके सामने है ! प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता !

सभी जानते हैं की फारुख अब्दुल्ला के फैमली ट्री में पूर्वज एक हिन्दू का भी नाम है  ! शेख अब्दुल्ला ने अपनी आत्मकथा को जो किताबी रूप दिया है उसमें उन्होंने इस बारे विस्तार से बताया है। आजाद कश्मीर का सपना देखने वाले शेख अब्दुल्ला ने स्वयं अपनी आत्मकथा ‘आतिशे चीनार’ में स्वीकार किया है कि कश्मीरी मुसलमानों के पूर्वज हिंदू थे। उनके पूर्वज कश्मीरी पंडित थे और परदादा का नाम बालमुकुंद कौल था ! यही हाल पाकिस्तान बनाने वाले  जिन्ना  का है ! चुकी जिनका नाम इतिहास में है वे तो अपने आप को छुपा  भी नहीं सकते थे इसलिए सत्य सभी  के सामने है ! ये लोग सत्ता लोभी थे , इनको सत्ता से मतलब था ! लेकिन उन्लोंगों का क्या जो भीड़ में बिना सच को जाने , बिना अपने पूर्वजों को ढूंढें जिहाद जिहाद खेल रहे हैं ! क्या मन में तनिक भी इच्छा जागृत नही होती , कि अपने जीवित रहते एकबार दूंढ तो लें ,आखिर कहाँ पर , किस ईस्वी में, मुगलों ने उनके पूर्वजों को हिन्दू से मुस्लिम बनाया था  !

बहुत से ऐसे मुस्लिम हैं जिन्होंने अपने अस्तित्व को ढूँढा, और पुनः शुद्धिकरण के मार्ग से अपने जड़ से जुड़ गए ! जिनको नही जुड़ना है वे नहीं जुडें , लेकिन एकबार जान तो लें की उनके पूर्वज कौन थे ? क्या मै गलत प्रश्न उठा रहा हूँ ? या बस उनके जड़ चेतना को आवाज देने का काम कर रहा हूँ !

मुझे तो बस इतना ही कहना है कि अन्धकार में जीना छोड़ो , उठो और अपने अस्तित्व को ढूंढो ! परिणाम में तुम भी कहोगे – हिंदुस्तान की मिट्टी के कण कण में सिर्फ “हिन्दू” है !  जिस हिन्दुओं को मुगलों ने मारा वे अडिग रहे,  और हिन्दू ही बने रहकर बलिदानी बने ! और जो जीवित रहे उन्हीं से हिन्दू और हिंदुस्तान है !

जो भी मुस्लिम संप्रदाय के लोग ये सच जानते  हैं , वे  भी  अपने  आपको  हिन्दू  संस्कृत  से ही बताते हैं, चाहे वे  इंडोनेशिया के मुस्लिम हों या हिंदुस्तान का  ! जो अज्ञानी हैं वे जिहाद कर रहे हैं , दंगे कर रहे हैं , और विश्व से  कौम पर  थू थू करबा रहे हैं ! आतंकवाद ने विश्व को तबाह कर दिया है, वह भी मजहब के नाम पर , विश्व से  तो पड़ेगा ही ! और साथ में समूल नष्ट भी होना पड़ेगा – क्योंकि अब 21वीं सदी में आतंकवादियों और आतंक  को बढ़ाबा देने वाले मजहब का कोई अस्तित्व नहीं ! हिंदुस्तान तो बिलकुल भी नहीं सहेगा , क्योंकि हिंदुस्तान  मुगलों  और कश्मीरी आतंकियों को बहुत झेल चूका है ! एक एक हिन्दू संस्कृत के लोग अब सजग प्रहरी हैं ! वह दिन दूर  नहीं जब हिंदुस्तान से चुन चुन कर जिहादियों को खदेड़ दिया जायेगा ! हिंदुस्तान में सिर्फ  हिन्दू संस्कृत के लोग  रह सकते हैं ! जो भी इसके ऊपर हमला करेगा उसे भागना होगा , हारना होगा !

जय हिन्द – वन्दे मातरम !!

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