मोदी हर जगह हमारे लिए नहीं आ सकते, लेकिन हा श्री कृष्ण ने जो भगवद गीता में बताया है वो सदैव हमारे काम आ सकता है !

बंगाल के लोग आज कह रहे है की हमें TMC के गुंडों से बचाओ, मोदी हर एक इंसान को नहीं बचा सकत। ये एक युद्ध है, इसे हमें ही लढना होगा। बंगाल में ७७ MLA है और उन्हें वोट देने वाले करोड़ में है, उनमे से कुछ हजार भी लड़ने के लिए खड़े हो जायेंगे तो भी ये युद्ध हम जीत सकते है।

और अगर हम नहीं लड़ सकते तो हमें मर जाना ही चाहिए। सबसे बड़ी प्रॉब्लम ये है की हम हिन्दुओ ने लढना बंद किया या भूल गए। लेकिन ये हमारे और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए सबसे घातक चीज है।
अभी कोई शिवाजी , महाराणा, गुरु गोबिंद नहीं आने वाले , उन्होंने अपना काम कर दिया है। नाही कोई कृष्ण आने वाला है , उन्होंने हमें रास्ता दिखा दिया है। गलती हमारी है की हम उन्होंने बताई राहों पर चलना भूल गए और इस गलती से बचने हमें कोई नाही आने वाला, इसे हमें ही लढना है।

आखाड़ो की परंपरा को जगाओ, पुनः स्थापित करो। क्योंकि शक्ति के सामने ही दुश्मन नतमस्तक होता है। फिर उसे सजा देना या माफ़ करना तुम्हारे हाथ में है। लेकिन पहले बलवान बनो।
हर एक गाओं में २०-२५ जवान लोगो का एक ग्रुप बनाओ , Gym को स्थापित करो, शस्त्र सीखो, शास्त्र भी सीखो। फिर देखो कुछ ही दिनों में ये आज जो तुम्हे मारने की कोशिश कर रहे है या धमकी दे रहे है वो रोयेंगे।
हमें मरना तो है ही। या लड़ते हुए मारो या ऐसे ही मर जाओ, सिर्फ इतना याद रखो की अगर हम नाही लड़े तो हमारे आने वाली पीढ़ियों को बचने वाला कोई नाही रहेगा।
हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी बताओ की हम किसके वंशज है। इंग्लिश नाही आये तो भी चलेगा, लेकिन हमें लड़ते आना चाहिए तभी ये समस्या ख़तम होगी।

पिछले २००० – ३००० सालो का इतिहास निकल के देखलो, ताकतवर को ही प्रणाम किया जाता है।


हम नसीबवाले है की हमारे देश में हजारो योद्धा हुए है जिनसे हम बहोत कुछ सिख सकते है और आज उपयोग भी कर सकते ह।
पश्चिमी देशो की तरह ३-४ योद्धा नाही हमारे पास, शिवाजी है, महाराणा प्रताप है, चन्द्रगुप्त है, राणा सांगा है, पृथ्वीराज है, कनिष्क है, महाराजा रंजीत सिंह है, हेमू है, नेताजी सुभाष है, वीर सावरकर है, चंद्रशेखर आज़ाद है, लिखना चाहो तो सिर्फ नाम लिखने में दिन ख़तम हो जाये इतने योद्धाओ के नाम है।

लड़ने की रणनीति बनाने वाले भी कम नाही। एक से एक मैनेजमेंट के गुरु है, लड़ने की तकनीक है, फिर किसका वेट कर रहे हो।
चाणक्य का गाइडेंस है, शिवाजी का गनिमी कवि है , राजा राजा चोला की स्ट्रेटेजी है, और भी बहोत होंगे जो मुझे पता नाही। किसी भी लड़ने वाली संगठन से जुड़ जाओ या फिर लड़ने वाला संगठन बनाओप्रकृति का नियम है जो लढता है वही जिन्दा रहता है।

हम हिन्दू ऐसे तो नाही थे, हमने तो सिकंदर को भागने को मजबूर किया था। हमने तो मुगलो को इसी जमीन में गाड़ा है, चेंगिस खान ने कभी हमपे हमला करने की हिम्मत नाही की। फिर ये आज क्या हो गया, हम लढना कैसे भूल गए।
अहिंसा के पुजारी को भूल जाओ, सबसे ज्यादा नुकसान उसी ने किया है हिन्दुओ का, वार्ना हमारी बहादुरी के किस्से दूर दूर तक सुनाये जाते है।

आज हमें उनको उनकी ही भाषा में उत्तर देना पड़ेगा। शास्त्र और शस्त्र का इस्तेमाल करने का वक्त आ गया है

अब नाही लड़े तो आने वाली पीढ़िया हमें कभी माफ़ नाही करेगी। याद रखो आने वाली पीढ़िया थूकेगी हमपे।

सीखो, लड़ो, और शान से जियो। जय हिन्द। धर्मो रक्षति रक्षित:

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