कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस 54 देशों का संगठन है जिसमें वो देश शामिल हैं जो कभी इंग्लैंड के गुलाम हुआ करते थे. भारत सहित एंटीगुआ, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, ब्रुनेई, कनाडा, साइप्रस, घाना आदि इसके सदस्य हैं। इनके बारे में विकिपीडिया पर पढो तो बहुत ही अच्छा लगता है.दुनिया भर की सारी अच्छी अच्छी बाते लिखी हुई है इसके बारे में.
आपको पता है ये कश्मीर के मामले में क्या सोचता है? कश्मीर को ये भारत का हिस्सा नहीं मानता है..भारत सरकार भी बड़ी बेशर्मी से 70 सालो से इसका सदस्य है.भारत की जनता को कश्मीर के मामले में इसके विचार क्या हैं, के बारे में जानने तक नहीं दिया गया है.कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस का मैप देख लीजिये आपको सब कुछ समझ में आ जायेगा. मैप के अनुसार कश्मीर भारत का नहीं पाकिस्तान का हिस्सा है.हमने 2010 में बड़ी तैयारियां की थी कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए. हमारे नेताओ को घोटाले करने का भी बड़ा मौका मिला था.भर भर के नोट छापे थे नेताओ और सरकारी अधिकारियो ने.
भारत सरकार ने इसके मैप पर कभी भी आवाज नहीं उठाया क्या ये शर्मनाक नहीं है ? हम वैसे संगठन का सदस्य क्यों बने जो हमारे देश के हित के बारे में नहीं सोचता है.वैसे, किस संगठन में शामिल होना है और किस संगठन में शामिल नहीं होना ये हमारा विदेश मंत्रालय बहुत ही अच्छे तरीके से जानता है किन्तु एक नागरिक होने के नाते कश्मीर को पाकिस्तान का बताया जाना कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? हम महंगाई का मुद्दा उठाते हैं, किसानों का मुद्दा उठाते हैं, जो कि उठाना भी चाहिए, हमारा अधिकार है. किन्तु इन सब मामलो में चुप रहते हैं.क्या हम इन सब पर बोल कर सरकार तक अपनी बात नहीं पंहुचा सकते ?
यदि भारत सरकार कश्मीर को सच में अपना हिस्सा मानती है तो भारत सरकार को वैसे हर संगठन में आवाज उठानी पड़ेगी जो संगठन कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं मानती है.हर संगठन का बायकाट करना होगा जो कश्मीर को पाकिस्तान का हिस्सा मानती है. दुनिया का जो देश , जो संगठन ,कश्मीर को भारत का हिस्सा मानेंगे हम उसी देश के साथ सम्बन्ध रखेंगे और उसी संगठन में शामिल होंगे.भारत ने जब जब कड़ा रुख अपनाया है दुनिया झुकी है.भारत को कश्मीर मामले पर किसी को भी नहीं छोड़ना चाहिए. दुनिया अवश्य झुकेगी
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.