कल मेरा भाई मुझसे बोला कि भैया यह हमारे पड़ोसी है ना यह भी भोजपुरी बोलते हैं , तो मैं बोला कि इसमें क्या खास है, भोजपुरी तो हम भी बोलते हैं और वैसे भी लोग बिहार में भोजपुरी नहीं बोलेंगे तो और क्या बोलेंगे?

तो मेरा भाई बोला भैया, जब मैं इनसे भोजपुरी में बात करता हूं तब तो यह लोग यह बोलते हैं कि हमको भोजपुरी नहीं आती है और हिंदी में बात करने के लिए बोलते हैं।

तो मैं सोचा भला ऐसा कोई क्यों करेगा यह पक्का झूठ बोल रहा हूं और मैं अपने भाई को झूठा साबित करने के लिए उनसे भोजपुरी में बात करने के लिए गया। और भोजपुरी में बात करना शुरू किया लेकिन मैं तो भोजपुरी में बात कर रहा था परंतु वह लोग मुझे उत्तर हिंदी में दे रहे थे।

फिर मैंने सोचा थोड़ा याद दिला देते हैं और तुम से बोला बोला कि किया गया व्यक्ति हो मैं तुमसे भोजपुरी में बात कर रहा हूं और तुम हिंदी में उसका उत्तर दिया जा रहे हो। तो उन्होंने कहा कि हमें भोजपुरी बोलना नहीं आता इसलिए हम हिंदी में उसका उत्तर दे रहे हैं। फिर मैं बोला कि आपको भोजपुरी समझ में आती है।

उन्होंने बोला – हां

लेकिन मैंने और मेरे भाई ने तो अपने भोजपुरी में बात करते हो सुना था और वह भी भोजपुरी अच्छे से बोल रहे थे। फिर मैं कुछ और लोगों को भी देखा जो लोग बिल्कुल ऐसे थे जो घर में अपने परिवार वालों से ही भोजपुरी बोलते थे परंतु बाहर सबसे हिंदी या इंग्लिश में बात करते थे।

फिर मैं एक अंकल को देखा जो अपने बच्चे को शुरू से भोजपुरी बोलने से मना करते थे और इंग्लिश या हिंदी बोलने पर शाबाशी देते थे।

धीरे धीरे मैं ऐसे लोगों को नोटिस करते गया और पाया के तकरीबन 60 से 70% लोग ऐसे निकले जो ऐसा करते थे। यह जानने के बाद मै बहुत ही कंफ्यूज हो गया फिर मैं कुछ और लोगों से पूछा कि आखिर ये लोग ऐसा क्यों करते हैं? तो उनका उत्तर था कि यह लोग अपने आप को समाज में ज्यादा सभ्य दिखाने की कोशिश करते हैं। तो मैं बोला क्या जो लोग भोजपुरी बोलते हैं वह असभ्य हैं। हाल ही में मॉरीशस के राष्ट्रपति भी भोजपुरी में बोले थे क्या वह भी असभ्य है।भोजपुरी तो मॉरीशस और फिजी में भी बहुत गर्व से बोला जाता है तो क्या वहां के लोग भी असभ्य हैं?

तो सामने वाले व्यक्ति का मुंह बंद हो गया और तब मैं समझ गया इसके बात का कोई लॉजिक नहीं है पर लोगों की तो माइंडसेट ऐसे ही हैं।

क्या आप बिहारी हैं और भोजपुरी बोलना जानते हैं और घर में भोजपुरी बोलते भी हैं परंतु बाहर अन्य व्यक्ति से भोजपुरी में बोलने में कतराते हैं। ऐसा क्यों?

कभी आपसे कोई अन्य राज्य का व्यक्ति आपसे भोजपुरी भोजपुरी के बारे में कुछ अभद्र टिप्पणी करता है या बोलता है कि भोजपुरी अश्लील है तो तो आप उसे यह बोल कर टाल देते हैं कि आप भोजपुरी नहीं बोलते हैं या भोजपुरी गाने नहीं सुनते हैं लेकिन असलियत में आप भोजपुरी बोलते भी हो और भोजपुरी गाने सुनते भी हो, परंतु आप को छुपाना पड़ता है क्यों?

क्या मातृभाषा भी छुपाने वाली चीज होती है?

क्या कभी आपने किसी पंजाबी व्यक्ति को देखा है जो पंजाबी नहीं बोलता हो?

क्या कभी आपने किसी ब्रिटिश और अमेरिकी को देखा है जो इंग्लिश नहीं बोलता हो?

उत्तर है नहीं।

पर आप ज्यादातर बिहारी को देख सकते हैं जो भोजपुरी नहीं बोलते हो।

ऐसी क्या आवश्यकता पड़ गई कि किसी व्यक्ति को अपना ही पहचान छुपाना पड़े।

इसे काउंटर करने के लिए कुछ हमारे बिहारी दोस्त ऐसा बोलेंगे कि बिहारी शब्द जो है वह गाली सा बन गया है।
अपने आप को बिहारी बताने पर लोग रिस्पेक्ट नहीं करेंगे।

तो क्या मुझे भारत के अन्य राज्य के लोगों से यह अपील करना चाहिए कि वे बिहारियों के प्रति अपनी माइंडसेट बदल या मुझे बिहार के उन्हीं लोगों से लड़ना चाहिए जिन्होंने इस भोजपुरी भाषा को अश्लील बनाया है और और बिहारी शब्द को बदनाम किया है और अभी भी कर रहे हैं, जिसके कारण बिहारियों को अपने आप को बिहारी बताने में शर्म आती हैं।

जो पहला ऑप्शन है जिसमें हम दूसरे राज्य के लोगों से लोगों को हमेशा बोलते रहे कि अपनी मानसिकता बदलो, परंतु अफसोस इन लोगों कि अभी भी वही मानसिकता है जो पहले थी तो मैंने सोचा कि इसे अंदर से ठीक करना ज्यादा बेहतर होगा।

इसलिए मुझे लगता है की मुझे पहले अपने अपने ही बिहारी लोगों को सुधारना होगा, समझाना होगा जो लोग बिहारी शब्द या भोजपुरी भाषा को बदनाम करने में लगे हैं और अभी भी बदनाम कर रहे हैं पर मैं और आप इसे सुधार नहीं सकते। क्या आप जानते हैं , क्यों ?

क्योंकि ये लोग बहुत पावरफुल है ये लोग हमारी बात क्यों सुनेंगे? अगर आप इनके विरोध में कुछ बोलेंगे तो यह समझिए कि आपका बहुत नुकसान होने वाला है और शायद आप अपने मौत का दावत दे रहे हैं!

मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि अभी-अभी एक महिला पत्रकार इसका नाम है सृष्टि श्रीवास्तव जो जनता जंक्शन नामक यूट्यूब चैनल के माध्यम से भोजपुरी के अश्लील गानो की पर्दाफाश करने की कोशिश की थी। हमें सृष्टि श्रीवास्तव जैसे और लोगों की सख्त जरूरत है। और हमें इन लोगों का समर्थन करना होगा जो लोग भोजपुरी को अश्लील बनाने के खिलाफ है।

अब तक आपको लग रहा होगा कोई बड़े गुंडे या क्रिमिनल है पर ऐसा नहीं है यह लोग हैं भोजपुरी के गायक, भोजपुरी के अभिनेता, जो लोग कुछ भी गा देते हैं। हालांकि कुछ गायकों को छोड़कर जो भोजपुरी को आगे बढ़ाना चाहते हैं और अच्छे गाने गाते हैं परंतु ज्यादातर तो भोजपुरी को अश्लील बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।

जिनके गाने के वीडियो में अश्लीलता कूट-कूट के भरा है। जिनके गाने सुनकर आपका दिमाग खट्टा हो सकता है।

जिनकी इमैजिनेशन इतनी ज्यादा है की उन्हें औरत केवल सेक्स ऑब्जेक्ट के रूप में दिखती है। और इन के गाने कभी आप फैमिली वालों के साथ तो सुन ही नहीं सकते।

इनके गाने पूरे समाज को गंदा कर रहे हैं, छोटे-छोटे बच्चों के दिमाग में ऐसा जहर भर रहे हैं जो बड़ा होकर ज्यादा भोजपुरी बोलते हैं और कुछ इस तरह बोलते हैं कि इसे बदनाम कर देते हैं।

पर हद तो तब है जब यह भोजपुरी के ऑडियंस भी यही चाहती है कि ऐसे ही गाने बने, ऐसे अश्लील गानों के मिलियंस में व्यूज है लेकिन जो भोजपुरी के कुछ अच्छे गाने उन पर व्यूज इन अश्लील गानों से बहुत कम है। तो बिहार में है कि अभी ट्रेंड है कि अश्लील गाना बनाओ और एक सुपरस्टार गायक गायक बन जाओ। विश्वास नहीं होता, तो जाओ चेक कर लो किसी भी भोजपुरी सुपरस्टार सिंगर का इतिहास।

शुरू शुरू में वह ज्यादातर अश्लील गाने ही गया होगा इसकी मेरी गारंटी है। (हालांकि एक या दो भोजपुरी सिंगर्स इसके एक्सेप्शन हो सकते हैं)। गवार गवार लोग दो तीन हजार में तो गाना रिकॉर्ड हो जाता है जो मन किया, गा देते हैं। और व्यूज मिलियंस में आते है क्योंकि भोजपुरी ऑडियंस को तो अश्लील गाने ही पसंद है। और भोजपुरी मूवीस को तो पूछो ही मत इसमें तो अश्लीलता का पाठ पढ़ाया जाता है।

और आजकल तो भोजपुरी में casteism भी घुस गया है जिसमें यह गायक अपने-अपने जातियों को श्रेष्ठ बताने और दूसरे जातियों को बदनाम करने में लगे हैं। कास्टीज्म मैं जो गाने आ रहे हैं उनका एक श्रृंखला है जिसमें गायक अपने जाति को बढ़िया बताता है और दूसरे जातियों का बदनाम करता है।

इन गानों का कुछ उदाहरण इस प्रकार है-

पांडे जी का बेटा हूं चुम्मा चिपक के लेता हूं
यादव जी के खट्टी चौकी टूट गइल
अहिरान के सम्मान
इत्यादि

भोजपुरी गायकों के गाने रेप जैसे सामाजिक बुराइयों को प्रमोट करते हैं।

अगर आप इन अश्लील गानों को गाने वाले गायकों के फैन है तो आप से यह गुजारिश है कि कृपया अपने रोल मॉडल गायकों के कारण अपनी प्यारी सी मातृभाषा भोजपुरी को बदनाम करने में भागीदार ना बने।

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