पिछले दिनों पाकिस्तानी में पत्रकारिता की स्वतंत्रता का मामला टूल पकड़ रहा ह। जियो न्यूज़ के पत्रकार ने हामिद मीर ने पाकिस्तानी सेना को चुनौती देते हुए कुछ अहम् खुलासे किये है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना को कहा –

“अब, यदि आप (पाकिस्तानी सेना) बंदूकों और टैंकों के साथ हमारे घरों में प्रवेश करते हैं, तो हम उसी तरह से जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकते। लेकिन, हम आपके बेहद सुरक्षित रहस्यों को उजागर करेंगे। और हम बताएंगे कि किसकी पत्नी ने किसको गोली मारी और इस मामले में जनरल रानी कौन थी।”

पाकिस्तानी मीडिया की माने तो ISI ने एक पत्रकार असद टूर के घर में घुस कर उसको बुरी तरह पीटा था। हामिद मीर उनको सांत्वना देने पहुंचा और उसने बताया की तत्कालीन ISI चीफ फैज़ हमीद को उसकी पत्नी ने गोली मरी थी और उसकी वजह थी जनरल रानी। तभी से यह मुद्दा पाकितान की मीडिया में छाया हुआ है।

जनरल रानी पाकिस्तान के लिए कोई नया नाम नहीं है। यह नाम मीडिया ने तब इस्तेमाल करना शुरू किया था जब पाकिस्तान के तानाशाह जनरल याह्या खान के सम्बन्ध एक तवायफ से बने थे । जनरल रानी(अकलीम अख्तर) का जन्म १९३१ में पाकिस्तानी गुजरात में एक रूढ़िवादी परिवार में हुआ था। कम उम्र में शादी हुई और वो भी उनसे दुगुनी उम्र के पुलिस वाले से। उनकी शादीसुदा ज़िन्दगी सही चल रही थे और ६ बच्चे भी हुए थे उस शादी से। कहा जाता है की एक बार वो छुट्टियों में पहाड़ियों पे गयी थी और उनका बुरका हवाओं से उड़ गया और इस बात को लेकर दोनों मियां-बीवी में तक़रार हुई। फिर वो अपने ६ बच्चो के लेकर चली गयीं। हालांकि उनको पुलिस वाले की पत्नी होने के नाते पता था की पाकिस्तानी अधिकारीयों और राजनीतिज्ञों को क्या चाहिए। उन्होंने वहाँ के क्लबों में जाना शुरू किया और रावलपिंडी में किसी क्लब के ऊपर फ्लैट में अपना धंधा शुरू किया। वो पाकिस्तान के अला अधिकारीयों को सुन्दर लड़कियां सप्लाई करती थीं। वहीँ उनकी मुलाकात जनरल याह्या खान से हुई थी। कभी पाकिस्तानी अधिकारी जनरल रानी को याह्या खान तक पहुंचने का तरीका मानते थे। कहा जाता है कि जनरल रानी १९६९ – ७१ के बीच पाकिस्तान की सबसे ताक़तवर महिला थी। कभी उनको याह्या खान से भी ज्यादा राजनितिक समझ थी और वो जनरल को सलाह भी देती थी। तभी पाकिस्तानी मीडिया ने व्यंगात्मक रूप में अकलीम अख्तर को जनरल रानी कहना शुरू किया था।

कहा जाता है की जनरल रानी ने एक बड़ा किरदार निभाया था भारत-पाकिस्तान के १९७१ यद्ध में। रॉ के प्रसिद्ध डायरेक्टर संकरन नायर ने अपने बहुत सारे संपर्क पाकिस्तान में छोड़े थे ६५ के युद्ध के दौरान। उनमे से एक स्पाई थे हरफन बोखारी(नकली नाम)। आपने 2018 की फिल्म राज़ी देखी ही होगी जो की एक स्पाई सेहमत खान (नकली नाम) पे आधारित थी। हरफन बोखारी की उपलब्धियां सेहमत से भी ऊपर थीं। उन्होंने जनरल रानी को फंसाया था और उनसे जनरल याह्या खान के पाकिस्तान की युद्ध नीतियों को निकलवाते थे। तब भारत और पाक के सम्बन्ध अच्छे नहीं थे और वो जनरल रानी को आयुर्वेदिक दवाएं पहुंचाते थे। हरफन बोखारी रॉ के Eli Cohen कहा जाता है। इस जानकारी की पुष्टि आईबी के जॉइंट डायरेक्टर एम के धर ने
ने की है।

रिपोर्ट्स की माने तो पाकिस्तान की वर्तमान जनरल रानी और पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह में अच्छे सम्बन्ध हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वह चंडीगढ़ में सीएम के घर पर नियमित हैं, लेकिन अब पटियाला नहीं जाती हैं क्योंकि परिवार इसकी सराहना नहीं करता है। अमरिंदर सिंह की आत्मकथा THE PEOPLE’S MAHARAJA में उनके ऊपर एक अध्याय भी है। यह पत्रकार कोई और नहीं जनरल रानी की बेटी और पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम है। रिपोर्ट्स के अनुसार वह ISI चीफ़ फैज़ हमीद के घर पे मिली थीं जिससे की चीफ़ की बीवी ने
गुस्से में चीफ पर गोली चलायी थ

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