अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान मनमाने तरीके से कानून पारित कर रहा है और अफगानिस्तान के लोग जबरन उसका पालन कर रहे हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में कपड़ों की दुकान में लगे पुतलों का सिर कलम करना शुरू कर दिया है. इन पुतलों के सिर को इसलिए कलम किया जा रहा है, क्योंकि ये इस्लाम द्वारा बनाए गए नियमों का ‘उल्लंघन’ कर रहे थे. तैयार कपड़े बेचने वाली दुकानों पर जो मैनिक्वीन लगे रहते हैं जिन पर कपड़े पहनाकर दुकानों के अंदर रखे जाते हैं उनसे ‘तालिबानी इस्लाम’ खतरे में आ गया है। हेरात सूबे में ऐसी घटनाएं देखकर लोग हैरान हैं और इसे तालिबानी बद्दिमागी की एक और मिसाल मान रहे हैं। दरअसल, इस्लाम में मूर्तियों की पूजा करने को बड़ा गुनाह माना जाता है. तालिबान ने इसका हवाला देते हुए कि पुतलों की गर्दनों को हटाने का आदेश दिया है.

हेरात में प्रोपेगेशन ऑफ वर्च्यू एंड प्रीवेंशन ऑफ वाइस के लिए बने मंत्रालय की ओर से यह फरमान इसी सप्ताह जारी किया गया था। शुरुआत में मंत्रालय ने दुकानों से पुतलों को पूरी तरह हटाने का आदेश दिया था, लेकिन दुकानदारों की शिकायत के बाद पुतलों का सिर कलम करने का आदेश दिया गया। दुकानदारों का कहना है कि एक पुतले की कीमत 70 से 100 डॉलर तक है। इन्हें हटाने या सिर काटने से उनको नुकसान झेलना पड़ेगा।

जाहिर है तालिबान ने सत्ता में आने के बाद कहा था कि वह किसी के अधिकारों को नहीं छीनेगा .  लेकिन सत्ता में आने के बाद से ही तालिबान ने लोगों के अधिकारों को कुचलना शुरू कर दिया। खासकर महिलाओं के अधिकारों को खत्म कर दिया गया, यहां तक कि उनकी पढ़ाई पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।तालिबान महिलाओं के मानवाधिकारों का तो विरोधी है ही, वह फैशनेबल कपड़ों, ब्यूटी पार्लरों, साज—सिंगार का भी विरोधी है। यह बात कई मौकों पर जिहादी लड़ाकों की हरकतों से साफ हो चुकी है।

अफगानिस्तान में सत्ता की कुर्सी कब्जाने के बाद से तालिबान लड़ाके सिरफिरे कानून लागू करते आ रहे हैं। जो अफगानी ऐसे कानूनों के खिलाफ अपना मुंह खोलते हैं, उन्हें सरेआम गोलियों से भून दिया जाता है, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे हैं। तालिबानी सिरफिरेपन की ताजा मिसाल है कपड़ों की दुकानों में पुतलों के सिर कलम करना

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