बदरुद्दीन अजमल एक ऐसा नाम जो असम में बांग्लादेशी मुसलमानों का मसीहा माना जाता है। असम में बांग्लादेशी मुसलमानों के बढ़ती जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए बदरुद्दीन अजमल ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम की एक राजनीतिक पार्टी का गठन किया। ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष के अलावा जमीयत उलेमा ए हिंद असम प्रदेश का अध्यक्ष भी है जिसके जिम्मे भारत को गजवा ए हिंद बनाने का जिम्मा है। बदरुद्दीन अजमल असम के धुबरी लोक सभा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा का सदस्य है।
बदरुद्दीन अजमल की पहचान ना केवल राजनीतिज्ञ बल्कि एक व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी है। बदरुद्दीन अजमल अजमल फाउंडेशन नाम की एक चैरिटेबल संस्था भी चलाते हैं जिसकी स्थापना सन 2005 में की गई। कहने के नाम पर तो इस संस्था का कार्य क्षेत्र आधुनिक शिक्षा ,स्किल डेवलपमेंट, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करती है लेकिन इसका असली कार्यक्षेत्र इस्लाम धर्म को बढ़ाना ही है।
असम में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के बाद से लोक हितकारी कई निर्णय लिए गए साथ ही साथ सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक कानून बनाया और लव जिहाद को लेकर कानून बनाने का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए और असम में असमिया सभ्यता संस्कृति भाषा रीति रिवाज सबको प्रभावित करने के लिए अब बदरुद्दीन अजमल का अजमल फाऊंडेशन अपना काम शुरू कर दिया है। मौलाना बदरुद्दीन अजमल के अजमल फाऊंडेशन को जो विदेशों से चंदे मिले हैं उनकी जानकारी काफी चौंकाने वाली है। लीगल राइट्स ऑब्जर्वेटरी संस्था ने अजमल फाउंडेशन को प्राप्त होने वाले विदेशी चंदे को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए हैं जो बहुत ही चौकाने वाले हैं। अजमल फाउंडेशन को विदेशों से ऐसे प्रतिबंधित संगठनों से चंदे प्राप्त हुए हैं जो विभिन्न दुनिया में इस्लामिक करण को बढ़ावा देने के लिए अपना काम कर रहे हैं। अजमल फाउंडेशन को यूके की अल इमदाद फाउंडेशन से डोनेशन प्राप्त होता है जो जिसका संबंध हम आज जैसे प्रतिबंधित संगठन के साथ है जो इजराइल में हो रहे सीरियल बम धमाकों का गुनाहगार है इसके अलावासंगठन का हमास के साथ संपर्क है इजराइल के खिलाफ विभिन्न विभिन्न में आत्मघाती इन्हें उमा वेलफेयर ट्रस्ट के तरफ से भी डोनेशन प्राप्त हुआ है जो विभिन्न आतंकवादी संगठनों के साथ संपर्क रखता है, अजमल फाऊंडेशन को तुर्की खेत पर एक संगठन से भी चंदा प्राप्त होता है जो दुनिया भर में इस्लामिक कट्टरवाद और जिहाद को बढ़ावा देता है साथ ही साथ यूके के मुस्लिम ऐड नामक संस्था से भी अजमल फाऊंडेशन को डोनेशन प्राप्त हुआ है जो कश्मीर में लश्कर-ए-तैयबा को आर्थिक मदद पहुंचाता है।
ऐसे प्राप्त साक्ष्यों के द्वारा यस सिद्ध होता है कि बदरुद्दीन अजमल द्वारा प्रचारित अजमल फाऊंडेशन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों से संबंधित है और लोगों को भ्रम में रखने के लिए चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर धन जिहाद के माध्यम से देश में इस्लाम को प्रचारित प्रसारित करने के लिए देश के कानून की धाराओं का उल्लंघन करते हुए इस्लामी जिहाद को बढ़ावा दे रहा है।
ऐसे मामलों में असम सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार को भी कड़े कदम उठाने चाहिए जिससे इस तरह के संगठनों पर लगाम लगाई जा सके।

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