कांग्रेस शासित राज्यों का अपना अलग ही जलवा चल रहा होता है , इन्हें किसी केंद्र ,किसी पडोसी राज्य की राजनीति से कोई सरोकार नहीं होता और तो और अपने राज्य के विपक्ष से जूझने , लड़ने की बजाय ये आपस में ही लट्ठम लट्ठ बजाए रहते हैं। एक दूसरे की सारी कलई खोलते रहते हैं और इस कदर लड़ते हैं कि सब्जी मंडी में आमने सामने अमरूद की ठेली लगाए दो मुगलिये भी क्या लड़ते होंगे ???

राजस्थान में इनके पायलट हवाई जहाज से बार बार कूद कर सड़क पर आ जाते हैं तो पंजाब में ये अपने कप्तान को धक्का देकर जहाज से खुद ही नीचे गिरा देते हैं। बाकी की सवारियाँ ऐसे मौकों पर शहर और राजधानी दिल्ली के होटलों और फ़ार्म हाऊस में रूठे हुए फूफाजी बन कर दुबक जाते हैं। कैमरे , मीडिया पीछे पीछे और ये आगे आगे।

दिलचस्प बात ये भी है कि , अक्सर ऐसी भांडाफोड़ राजनीति की उठापटक के बाद हुए अलगाव और उसके बाद किसी दूसरे को बलि का बकरा बनाने के इस पूरे सर्कस को कांग्रेस -लोकतांत्रिक प्रक्रिया कहती और मानती है। लेकिन जैसे ही किसी भी निर्णय पर पहुँचने की या ऐसे विधायकों द्वारा अपना नेतृत्व चुनने की बात आती है तो सब कुछ खाला जान यानि “आला कमान ” पर छोड़ दिया जाता है। उसी आलाकमान पर ,जिसने आज तक कांग्रेस अध्यक्ष का पद अपने परिवार के अतिरिक्त किसी के लिए नहीं छोड़ा।

अब जब फैसले सारे इटली में बैठ कर ही होंगे तो फिर यही होगा कि , नाराज़ हुआ कोई , इस्तीफा दिया किसी ने और आखिरकार खुश हुआ कोई। पंजाब की कमान अब संभालेंगे श्री चरणजीत सिंह चन्नी। इनके नाम की दूर दूर तक कहीं कोई चर्चा नहीं होने के कारण , लोगों में सबसे पहली उत्सुकता इनके बारे में जानने की ही हुई और फिर जब गूगल बाबा से पूछा तो उन्होंने जो कुछ बताया उसके बाद तो इस फैसले को कांग्रेसी आलाकमान का फैसला समझने में किसी को कोई संदेह नहीं रहा।

असल में आलाकमान यानी कांग्रेस की सर्वेसर्वा सोनिया गाँधी जो स्वयं एक महिला हैं ने पंजाब की बागडोर सँभालने के लिए जिन चन्नी जी को चुना है वे अपने अजीबोगरीब व्यव्हार और विवादित वीडियो पोस्ट करने के अलावा अभी कुछ समय पहले ही उन पर एक महिला को अश्लील संदेश भेज कर परेशान करने के आरोप लग चुके हैं। और महिला भी एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी हैं जिन्होंने ये आरोप मी टू अभियान के दिनों में उन पर लगाए थे।

शायद इसलिए , आगामी विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी इनकी ही टक्कर का एक राजनेता -भगवंत मान को पंजाब में मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने का मन बना रही है ताकि मुकाबला बराबरी का हो। भगवंत मान भी कई बार मदिरा का सेवन करके टुन्न अवस्था में संसद में उपस्थित हो चुके हैं।

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