गाजियाबाद के डासना शिव-शक्ति धाम पर एक बार फिर खतरा बढ़ता दिख रहा है. दरअसल मंदिर परिसर में सो रहे दो साधुओं पर आज तड़के चाकुओं से ताबड़तोड़ हमले किये. जिसमें से एक पुजारी नरेशानंद की हालत ज्यादा गंभीर है. हमलावरों ने साधु पर धारदार हथियार से कई बार वार किए, जिससे वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। उनका गला दबाने की कोशिश भी की गई। घायल साधु को गाज़ियाबाद के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले नरेशानंद सरस्वती दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उनके एक और साथी की गर्दन पर चाकू मारने की कोशिश हुई, लेकिन वो बच गए। घटना के बाद मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हमलावर उन्हें मारने आए थे लेकिन गलती से दूसरे साधु निशाने पर आ गए। नरसिंहानंद कई बार अपनी हत्या की आशंका जता चुके हैं। उन्होंने कहा कि हमले के माध्यम से वस्तुतः हम हिन्दुओं को संदेश दिया जा रहा है कि हम यह जगह छोड़ कर भाग जाएं। लेकिन मां भगवती की सौगंध है कि जब तक इस शरीर में प्राण हैं, मैं हिन्दुओं के लिए लड़ता रहूंगा। .
पुलिस फिलहाल पूरे मामले की जांच कर रही है, लेकिन लोगों ने मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, वो भी तब जब ये मंदिर पहले से ही आतंकियों और इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर रहा है।
दरअसल खतरों और पुरानी घटनाओं के कारण 24 घंटे मंदिर और पुजारियों की सुरक्षा के लिए यहां पुलिस का पहरा रहता है. ये गाजियाबाद का वही देवी मंदिर है, जहां के महंत नरसिंहानंद को कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है, वहीं कुछ दिनों पहले एक मुस्लिम लड़के के मंदिर में घुसने पर विवाद पैदा हो गया था। इसके बाद मंदिर प्रमुख महंत नरसिंहानंद के आदेश पर मंदिर परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। जिसके बाद 24 घंटे मंदिर और पुजारियों की सुरक्षा के लिए पुलिस का पहरा रहता है, इसके बावजूद हमला होना हैरानी की बात है।
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