दिल्ली और हरियाणा के बीच की सीमा पर पिछले साल नवंबर महीने से ही किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सड़क को जाम किया हुआ है. तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान सड़क पर जमे हुए हैं. लेकिन इस तथाकथित किसान आंदोलन के बीच एक बेहद ही शर्मशार करने वाली खबर सामने आई है, दरअसल पश्चिम बंगाल से किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने टीकरी बॉर्डर पर आई एक 25 साल की महिला के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म का मामला सामने आया है. उस महिला की बाद में कोविड-19 के लक्षणों के कारण अस्पताल में मौत हो गई थी.
अब इस मामले में नया मोड़ आ गया है दरअसल युवती के पिता के हवाले से दैनिक भास्कर ने लिखा है ‘संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य योगेंद्र यादव को जानकारी थी कि किसान नेता युवती के साथ गलत कर रहे हैं, हालांकि 24 अप्रैल से युवती के सम्पर्क में रहे योगेंद्र यादव ने उसकी मौत से पहले या बाद में पुलिस को इस घटनाक्रम की सूचना नहीं दी, अब सवाल यह उठता है कि जब योगेंद्र यादव को जब इस घटना के बारे में जानकारी थी तो उन्होंने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी? क्या योगेंद्र यादव आरोपियों के कुकर्मों को छुपाना चाहते थे ?
इस बीच अब सोशल मीडिया पर योगेंद्र यादव को गिरफ्तार करने की मांग की जा रही है. ट्विटर पर #ArrestYogendraYadav टॉप ट्रेंड कर रहा है। जाहिर है ऐसे सवाल उठने लाजमी हैं क्योंकि जो योगेन्द्र यादव हाथरस केस के समय अपने प्रोपेगेंडा के लिए आंदोलन कर रहे थे आज अपने साथियों को बचाने के लिए केस दर्ज नही होने दिया। ये कहना गलत नहीं होगा कि कानून में अपराधी को संरक्षण देने वाला भी उतना ही बड़ा अपराधी होता है। इसलिए योगेंद्र यादव के खिलाफ कार्रवाई जरुर होनी चाहिए. इस पूरे घिनौने वारदात में टिकरी बॉर्डर पर डेरा जमाए हुए तथाकथित किसान नेता, योगेन्द्र यादव, टिकैत और इन सबको शह देने वाले केजरी भी चुप है. अरे कम से कम इंसानियत के नाते ही मुंह खोल देते. आप सोचिए कितनी घटिया मानसिकता वाले हैं ये लोग. किसान आंदोलन के नाम पर क्या हो रहा है सोचिए . इधर अमित मालवीय ने भी ट्वीट कर योगेंद्र यादव पर निशाना साधा है .
दरअसल कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन के सहारे कई राजनेता और सियासी पार्टियां अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं . अपने सियासी हितों को साधने की चाह रखने वाले कुछ नेता किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं. योगेंद्र यादव का नाम भी ऐसी ही लिस्ट में शामिल है. योगेंद्र यादव का नाम पहले भी कई विवादों में रह चुका है। उनके खिलाफ कई प्रकरण दर्ज है। सोशल मीडिया पर यहां तक कहा गया है कि योगेंद्र यादव पहले जेएनयू में फीस को लेकर छात्रों को बरगला रहे थे, फिर CAA पर मुसलमानों को भड़काने में जुटे, अब किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
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