हमेसा राष्ट्रवाद को लेकर चर्चा में रहने वाली कंगना रनौत एक बार फिर चर्चे में आई हुई है,इस बार मामला थोड़ा उलट है क्योंकि मामला इस बार उनके कपड़ो को लेकर है,कुछ धर्म के ठेकेदार अब लड़कियों को कपड़े कैसे पहनने है सिखाने में लगे हुवे है। भाई वो सबसे पहले एक अभिनेत्री है 
सबसे बड़ा प्रश्न ये है कि कंगना अपने आपको किस बात पर डिफेंड कर रही थी?बिकनी पहनने पर?यह भी कोई भला डिफेंड करने की बात है,मैं फिर बता रहा हु की वो एक फिल्म अभिनेत्री है,उन्हें तो इस विषय पर अपने को डिफेंड ही नही करनी चाहिए पर लोगो की नीयत और सोच के वजह से उस अभिनेत्री को उस बिकनी के लिए खुद को डिफेंड करना पड़ रहा है। ये वही लोग है जो सनी लियोनी को रिवाइंड कर के देखते है,और दोहरी चरित्र लेके कंगना से पूछते है की बिकनी क्यों पहनी? यही वो लोग है जो लड़कियों को कपड़ो से तौलते है।
कंगना मेक्सिको के एक बीच पर बैठी थी तो जाहिर सी बात है की वो वहां के पहनावे में थी,की वो घाघरा पहन के वहा बैठ जाए?
मतलब कंगना के विचार हमारे जैसे है बोलोगे और उसका पहनावा तुम तय करोगे…..बचपन से हुतिया थे या अभी हुवे हो?दिक्कत पता है क्या तुम लोगो को सना खान जैसी बिल्लियां पसंद है जो 100 चूहे खाकर बुर्के में चली गई। तुम वही मानसिक दिवालिया झुंड हो जो हर दिन किसी न किसी लड़की को ट्रोल करके अपने आप को सबसे अच्छा भाई, सबसे अच्छा बाप मानते हो।

जिस कंगना ने देश के खातिर अपना सबकुछ दाव पर लगा दिया,अपना घर तुड़वा लिया,जो अकेले फिल्मी भांडो (माफिआवो) से भिड़ गई, दाऊद, अर्बन नक्सल,भारत विरोधी टुकड़े टुकड़े गैंग यहा तक की सनातन विरोधियों से भी अकेले दम पे भीड़ गई। उसे करैक्टर सर्टिफिकेट बाटा जा रहा है थोक के भाव मे।
आप सब ही कहते है ना कि कोई बड़ा सेलिब्रिटी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद का खुलकर समर्थन क्यों नही करता,उसका कारण और उदाहरण दोनो यही है।
सोच साफ करने की जरूरत है सबको क्योंकि किसी के कपड़े से किसी का चरित्र और किसी का धर्म के प्रति प्रेम का आकलन नही किया जा सकता।

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