छत्तीसगढ़ के राजिम में मंगलवार (27 सितंबर 2021) को किसान महापंचायत में शामिल होने पहुँचे राकेश टिकैत ने मीडिया को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मीडिया को धमकाते हुए कहा, “सरकार का अगला टारगेट मीडिया है, आपको बचना है तो साथ दे दो नहीं तो आप भी गए।”मीडिया से बातचीत में टिकैत ने कहा कि बीजेपी को बेचने की बीमारी है। कानून बनाकर आधा देश बेच दिया। इस दौरान पत्रकारों ने जब उनसे छत्तीसगढ़ की कॉन्ग्रेस सरकार को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने नजरअंदाज कर दिया।राकेश टिकैत ने महापंचायत सहित अन्य सवालों पर आगे कहा, ”इस समय सबसे बड़ी समस्या एमएसपी (MSP) की है, जो पूरे देश की है। ये लड़ाई दिल्ली से। छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस की सरकार है तो क्या हुआ? कुछ न कुछ तो यहाँ भी निकलेगा।” उन्होंने भारत बंद के दौरान लगे जाम को लेकर कहा कि दिल्ली और गुरुग्राम पुलिस ने जाम किया और दिखाया कि हमने जाम लगाया है।दरअसल, बीकेयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत, ज़ी न्यूज़ द्वारा किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन में अपनी दोहरी नीतियों के कारण पकड़े गए हैं। इसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि विदेशी कंपनी को न्यूनतम बिक्री मूल्य (MSP) से कम कीमत पर गन्ना और फ़ैक्ट्री के लिए सस्ती जमीन भी दिला सकते हैं यदि नकद में भुगतान किया जाए। यह स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद से राकेश टिकैत बौखला गए हैं।यही कारण है कि टिकैत सार्वजनिक रूप से मीडिया को धमकाते हुए नजर आ रहे हैं। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इससे किसान नेता एक बार फिर सोशल मीडिया यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। एक यूजर ने लिखा, ”अब ये किसान से गुंडा बनने लग गया, खुले आम मीडिया को धमकी दे रहा है। साथ दे दो तो ठीक है नहीं तो गए। क्या मतलब है इस लाइन का।”एक अन्य यूजर ने लिखा, “रहने दे तिहाड़ी। अक्खा पब्लिक जानती है तुम एक दलाल हो।”गौरतलब है कि नरेश टिकैत को लगभग 7 मिनट 24 सेकंड के वीडियो में गुड़ फ़ैक्ट्री और उसी के लिए गन्ना खरीद के प्रस्ताव पर चर्चा करते देखा जा सकता है। एक रिपोर्टर, जो एक उद्योगपति व्यापारी के रूप में नरेश टिकैत के सामने एक व्यापारिक सौदे का प्रस्ताव रख रहा है, को नरेश टिकैत से गुड़ की फैक्ट्री खोलने के बारे में बात करते हुए देखा जा सकता है और जब बातचीत आगे बढ़ते हुए गन्ने की कीमतें बढ़ीं तो… यहाँ पहुँची तो नरेश टिकैत को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “बहुत अच्छा, हमारे यहाँ बड़ी मात्रा में गन्ना है, और ये गन्ने आपको सही दाम पर मिलेंगे, मिल भी इतना गन्ना नहीं ले सकती, बस भुगतान नकद में होना चाहिए, मिल में माँगे गए दर से भी कम कीमत पर आपको गन्ना मिलेगा, जैसा कि मिल की कीमत है, 325 रुपए प्रति क्विंटल है, जबकि क्रशर (कोल्हू) की कीमत 225 रुपए, 250 रुपए या 275 रुपए में मिल जाएगा आपको..”
DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.