नई दिल्ली: पाकिस्तान ने आजादी के समय जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir State) रियासत के हिस्से रहे और अब लद्दाख के अपने कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) को अस्थायी प्रांत बनाने का ऐलान किया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने गिलगित-बाल्टिस्तान की एक जनसभा में भारत के इस इलाके को अलग अंतरिम प्रांत का दर्जा देने की घोषणा की.

भारत सरकार की तीखी प्रतिक्रिया
इमरान के इस दुस्साहस पर भारत ने फौरन चेतावनी दी. विदेश मंत्रालय का सख्त बयान सामने आया. भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने 1947 से गिलगित-बाल्टिस्तान और PoK पर अवैध कब्ज़ा करके रखा है. पाकिस्तान वहां मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. पाकिस्तान भारत के इस हिस्से पर अवैध कब्जे को फौरन छोड़े. गिलगित-बाल्टिस्तान और पीओके को तुरंत खाली करे.

गिलगित-बाल्टिस्तान पाक के कब्जे में कैसे?

वर्ष 1947 में हजारों पश्तूनों ने पाकिस्तानी सेना के समर्थन से जम्मू कश्मीर पर हमला किया.
हमले के बाद कश्मीर के राजा हरि सिंह भारत में विलय के लिए तैयार हो गए.
राजा हरि सिंह और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बीच इंस्ट्रूमेंट ऑफ एक्सेशन पर समझौता हुआ.
इस समझौते के बाद भारत ने श्रीनगर में सेना भेजी, पाकिस्तान के साथ युद्ध किया.
1947 के युद्ध में पाकिस्तान ने जिस हिस्से पर अवैध कब्जा किया उसे ही PoK यानी पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहा जाता है.
पाकिस्तान ने PoK को दो हिस्सों में बांट दिया.
एक हिस्से को वो आज़ाद कश्मीर कहता है और दूसरा गिलगित-बाल्टिस्तान है.

बर्बादी की तरफ बढ़ेगा पाकिस्तान?
इमरान खान को ये समझ लेना चाहिए कि गिलगित-बाल्टिस्तान से लेकर पूरा पीओके भारत का है. इमरान कितना भी चीन के दबाव में आकर गिलगित बाल्टिस्तान पर कोई ऐलान कर दें, लेकिन इमरान और बाजवा को ये समझ लेना चाहिए कि अब खंड-खंड पाकिस्तान से अखंड भारत का सपना बहुत जल्द साकार होगा.

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