किसान नेता राकेश टिकैट लाख कहें वो कोई राजनीतिक नेता नहीं हैं, उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है ना ही उन्हें राजनीति में आना है. लेकिन राकेश टिकैट के अंदर का नेता हर बार उमड़-उमड़ कर सामने आ ही जाता है. दरअसल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को देखते हुए किसान नेता राकेश टिकैत अलग-अलग मंचों काफी एक्टिव दिख रहे हैं । किसान आंदोलन धीमी होने के बाद भी उनके राजनीतिक बयान बंद नहीं हो रहे। हाल में वे इंडिया टीवी के एक शो में बतौर पहुंचे जहां उनके पीछे के बैकग्राउंड में लिखा था ‘किसान का मुख्यमंत्री कौन?’ लेकिन बिना टॉपिक देखे ही टिकैट जी चिल्लाने लगे. मानो उनसे शो में क्या पूछ लिया गया .

साभार- इंडिया टीवी

बिना प्रश्न देखे ही राकेश टिकैत इस बात पर चिल्लाने लगे कि आखिर उनके पीछे लगे बैकग्राउंड में राम मंदिर की तस्वीर क्यों दिखाई जा रही है। उन्होंने कहा कैमरा और कलम पर अब बंदूक का पहरा है इसीलिए शो में राम मंदिर को दिखाया जा रहा है। इसके बाद वह चैनल पर प्रचार करने का आरोप लगाते रहे। इसी बीच एंकर ने पहले तो उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन जब उन्होंने अपना खो दिया तो एंकर ने जमकर उनकी फटकार लगाई और समझाया कि अगर वो मेहमान हैं तो इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि वो कुछ भी अनाप-शनाप बोलेंगे।

एंकर ने बातों-बातों में टिकैत को दिखाया कि कैसे वो मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहे हैं और उसे सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं । शो के एंकर ने टिकैत को चेतावनी दी कि वो मंच का दुरुपयोग अपनी राजनीति चमकाने के लिए न करें, उन्हें बुलाया गया है ताकि वो इस पर चर्चा करें कि किसानों का मुख्यमंत्री कौन है। जबकि शो के एंकर ने बार-बार बताया कि जहां बैकग्राउंड में मंदिर दिखाया जा रहा है वहां पर मस्जिद भी दिखाया जा रहा है। एंकर ने टिकैत को फटकारते हुए कहा कि अगर उन्हें राजनैतिक बातें करनी हैं तो वो कोई पार्टी ज्वाइन करें, किसानों के नाम पर वह राजनेताओं की तरह बात न करें।

दरअसल ये पहला मौका नहीं है जब किसी प्रदेश में चुनावों से पहले टिकैत के बयानों ने और उनके ऐसे बर्ताव ने चर्चा बटोरी हो, उन्होंने दिल्ली की सीमाओं पर 13 महीने चले किसान आंदोलन को एक ट्रेनिंग बताया। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी उन्हें ही बताना पड़े कि किसे वोट देना है या किसे नहीं, तो ट्रेनिंग का क्या फायदा। वैसे ये सभी जानते हैं कि टिकैट ने किसान आंदोलन की आड़ में कैसे अपना प्रचार-प्रसार किया और उनके इस काम में कौन-कौन सी सियासी पार्टियों और उनके नेताओं ने उनका साथ दिया .

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.