वो वर्ष 2000 के शुरूआती साल थे,मध्य प्रदेश तब हर स्तर पर एक बीमारू राज्य था जिसे कांग्रेस की सरकारों ने दशकों तक पिछड़ा रखा था। ऐसे में एक महिला के जीवन में भी पिछड़ापन ही था।

सड़कें नहीं थीं तो बच्चे की डिलीवरी के लिए शहर जाना भी मुश्किल ही था। बिजली नहीं थी तो लालटेन की टिमटिमाती रौशनी में रातें गुजरती थी।

गैस सिलेंडर तो सिर्फ शहरों के बड़े सेठों के पास ही होते थे, हम तो चूल्हे में लकड़ियां ठूसते और काले धूएं से आंखे खराब करते गरीब गांव वाले थे। पर ऐसा आखिर कब तक चलता, गलती का एहसास हुआ कि अब निज़ाम बदलना पड़ेगा। और हमने पहले चुनी राज्य में भाजपा सरकार जिसने हमें दी है बारामासी पक्की सड़के। अब हमारी डिलीवरी खुद सरकार करवाती है और पैसे भी देती है स्वास्थ्य के लिए।

आज मध्य प्रदेश की बेटियों को पैदा होने से लेकर पढ़ने और बढ़ने के मौके देने वाली एक दर्जन से ज़्यादा योजनाएं है जिन्हें शिवराज मामा लेकर आए हैं। सोने पर सुहागा ये हुआ कि 2014 में देश की कमान मिली मोदी जी को और अब तो इनके दिए गैस सिलेंडर से महिलाओं की किचेन हो गई है धुंआ मुक्त। अब आखों की रोशनी नहीं जाती बल्कि अब तो 24 घंटे बिजली से घर रौशन है।

अब तो पानी भरने के लिए दूर तो क्या कहीं भी नहीं जाना पड़ता क्योंकि हर घर नल से आ रहा है पीने का साफ पानी। महिलाओं के सामाजिक और राजनीतिक उत्थान के लिए शिवराज मामा ने पंचायत चुनावों में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित कर पूरे देश में मिसाल कायम की है।

अब सचमुच में बेहतर हो गई है जिंदगी

नारी सशक्तिकरण योजनाओं से संवरती, सशक्त होती महिला शक्ति

शिवराज मॉडल बनाम गहलोत मॉडल – कौन है बेहतर?

जब भी गवर्नंस मॉडल की बात होगी, शिवराज सिंह यानि ‘लाडलियों’ के मामा की बात होगी जहां पर बच्चियां ना सिर्फ सुरक्षित हैं पर ‘लाड़ली योजना’ जैसी आधा दर्जन योजनाओं से पढ़ रही हैं और बढ़ रही हैं.

दूसरी तरफ है राजस्थान की कांग्रेस सरकार का मॉडल जहां NCRB के आंकड़ों के अनुसार 2020 में देश में दुष्कर्म के सबसे अधिक मामले राजस्थान में दर्ज किए गए. यही नहीं 2020 की तुलना में 2021 में दुष्कर्म के मामलों में यहां 25.07 प्रतिशत की वृद्धि हुई. शिवराज मामा की सख्त बनाम गहलोत की ढीली और दिशाहीन सरकार. मामा का अंदाज जिससे गुंडे, माफिया, अपराधी सभी दहशत में है और प्रदेश छोड़ कर भाग रहे हैं. वहीँ दूसरी तरफ है ढीले-ढाले अशोक गहलोत जिनसे राजस्थान की कानून-व्यवस्था नहीं सम्हलती.

एक दूसरा मॉडल भी है, दिल्ली के ठग का. जहां एक ओर महिलाओं पर अपराध और अत्याचार करने वालों के ऊपर शिवराज मामा बुलडोजर चलवा देते हैं, दिल्ली का मुख्यमंत्री ऐसे अपराधियों को मंत्री बना देता है.

DISCLAIMER: The author is solely responsible for the views expressed in this article. The author carries the responsibility for citing and/or licensing of images utilized within the text.