राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट के बीच आने वाले दिनों में झारखंड में कांग्रेस के लिए भी मुश्किल बढ़ती दिख रही है, ये मुश्किल ऐसे ही नहीं खड़ी हुई है. दरअसल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में चार दिनों तक डेरा डाले हुए थे, लेकिन उनका जो मकसद था वो पूरा होता नहीं दिख रहा है क्योंकि हेमंत सोरेन की मुलाकात न तो सोनिया गांधी से हो पाई न ही राहुल गांधी से. दिलचस्प बात यह है कि सोनिया गांधी और राहुल को तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन से मिलने का समय मिल गया , जो द्रमुक के प्रमुख हैं, जो तमिलनाडु में कांग्रेस पार्टी की सहयोगी है लेकिन हेमंत सोरेन उनका इंतजार करते ही रह गये.
द डेली पायनियर के हवाले से सूत्रों ने दावा किया कि यह JMM प्रमुख के लिए अच्छा नहीं रहा है। हेमंत शनिवार को रांची लौट गये । वह बार-बार सोनिया और राहुल को फोन करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन नाकाम रहे. JMM से नाराजगी अच्छी नहीं रही। रही सही कसर स्टालिन के साथ उनकी मुलाकात ने घाव पर नमक छिड़क कर पूरी कर दी . हेमंत सोरेन JMM के प्रमुख हैं, जो एक क्षेत्रीय पार्टी है और झारखंड में कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन में सत्ता में है। सीएम के साथ, JMM के पास पांच मंत्री हैं, जबकि कांग्रेस के पास चार और दूसरे सहयोगी RJD के पास एक मंत्री पद है। माना जाता है कि हेमंत और उरांव ने सभी लंबित मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व के साथ बैठक में भाग लिया था.
आपको बता दें हेमंत सोरेन अकेले नहीं हैं जिन्हें मां-बेटे की जोड़ी ने अपमानित किया है। इससे पहले भी ऐसे कई कांग्रेसी नेता रहे हैं, जिन्हें गांधी परिवार के सदस्यों ने उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर करके, उन्हें ठुकरा दिया था। असम में कांग्रेस विधायक रूपज्योति कुर्मी ने कांग्रेस छोड़ी. कुर्मी ने कांग्रेस नेतृत्व के साथ अपनी नाराजगी जाहिर की . गांधी वंशज पर तीखा हमला करते हुए कुर्मी ने कहा कि राहुल गांधी को गूंगे लोगों और उनके कुत्ते का साथ पसंद है। 18 जून को कुर्मी ने यह कहते हुए कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया कि वह राहुल गांधी के नेतृत्व से “निराश और मोहभंग” हैं।
हेमंत सोरेन के दिल्ली दौरे को लेकर रांची से लेकर दिल्ली तक घमासान मचा हुआ था. दौरे से पहले बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे के कुछ ट्वीट्स ने हेमंत सोरेन की दिल्ली यात्रा को लेकर सियासी अटकलों के बाजार को गर्म कर दिया था. बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने सोरेन की दिल्ली यात्रा को लेकर ट्वीट किया,‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी अब कांग्रेस से परेशान, दिल्ली दर्शन उनका नए पार्टनर के साथ सरकार बनाने का जुगाड़ तो नहीं?’ दूबे के इस ट्वीट पर सत्तारुढ़ दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया की। इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सोरेन के बीजेपी में आने की संभावना से इनकार करते हुए लिखा,‘हेमंत सोरेन जी,झारखंड बीजेपी आपकी चाल को समझ रही है। कांग्रेस के साथ ही आपको भ्रष्टाचार की सरकार चलानी है, लेकिन दबाव बनाने के लिए आप कुछ फोटो सेशन करना चाहते हैं जिससे आप कांग्रेस का दबाब कम कर पाएं। मधु कोड़ा पार्ट 2 ज़िन्दाबाद
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस में अंदरखाने घमासान मचा हुआ है. हालत भले ही पंजाब या राजस्थान जैसी बुरी ना भी हो, लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि अंदरखाने सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। लेकिन अभी तो जिस तरह से बैरंग हेमंत सोरेन रांची लौट गये हैं इंतजार करना होगा कि आखिर इसके बाद JMM का अगला स्टैंड क्या होगा।
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