असम की बाढ़ की विभीषिका की भयावह तस्वीरें सोशल मीडिया के जरिये हम सबने देखी है. सिलचर में हिंदु समुदाय के लोगों को टारगेट कर बाढ़ में डुबोने की कोशिश गई. यानि कुल मिलाकर अब तक बाढ़ को प्राकृतिक आपदा माना जाता था लेकिन सिलचर की घटना ने ये बता दिया कि बाढ़ की त्रासदी मानव निर्मित भी होती है.

ऐसा नहीं था कि ये मामला असम पर ही खत्म हो गया. दरअसल ये नासूर दूसरे प्रदेशों तक भी पहुंचना शुरू हो गया है. दुर्भाग्य से ऐसे ही कुकृत्य का प्रयास अब उत्तर प्रदेश में भी दिखा है। जनपद लखीमपुर खीरी के सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने शारदा नहर की पटरी काटने की कोशिश करते छह लोगों को पकड़ा है। इनके खिलाफ पसगवां थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता अखिलेश गौतम के अनुसार अभियंता सत्येंद्र वर्मा अपनी टीम के साथ रात को गश्त कर रहे थे। तभी सिकंदरशाह, रिकसान शाह, सरदार अली, वसीम खां, जीशान अली, और मुद्दरिक अली को पकड़ा गया है।

साभार-सोशल मीडिया

पुलिस के मुताबिक यह सभी बनकागांव तहसील के गांव उचौलिया के नजदीक 96.588 किमी के पास पटरी काट रहे थे। घटना के समय नहर में 2946 क्यूसेक पानी था, अगर यह लोग पटरी काटने में सफल हो जाते तो शिवपुरी, उचौलिया, बनकागांव और अन्य आसपास के गांवों की सैकड़ों हेक्टेयर जमीन, आबादी क्षेत्र, सीतापुर मार्ग और रेलवे लाइन भी जलमग्न हो जाती।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इंजीनियर सत्येंद्र वर्मा ने पुलिस को बताया गया कि, “13 जुलाई को वह अपनी टीम के साथ अपने क्षेत्र में नहर का निरीक्षण कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने बनकागांव के पटरी नंबर 96.588 पर सिकंदर शाह, रिकशान शाह, सरदार अली, वसीम खां, मुद्दरिक अली, और जीशान अली को नहर की पटरी काटते हुए देखा। उसी समय उन्होंने डायल 112 से पुलिस को इस कृत्य के बारे में सूचित किया।” इस इलाके में इससे पहले भी कई बार नहर की पटरी काटने की कोशिश किये जा चुके हैं।

असम की बाढ़ की विभीषिका आज भी उन पीड़ितों के जेहन में ताजा है। बराक नदी का तटबंध तोड़ने के बाद सिल्चर डूब गया था। जिसकी वजह से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं, वहीं करोड़ो रूपए की जान माल की हानि हुई थी।

सिलचर में साजिश के तहत हिंदु आबादी को निशाना बनाने का षडयंत्र रचा गया था. दरअसल आज देश भर में कट्टरपंथी मानसिकता वाले लोग हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. लेकिन पहले से ही बाढ़ की त्रासदी झेल रहे बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए ये दोहरी मार है .आखिर कब तक हिन्दुओं को ही हर तरफ से नुकसान उठाना पड़ेगा ?

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