गांधी के नाम पर गांधी के ही दाम लगाकर इस देश पर 70 साल से शासन किया गया। गांधी की तस्वीर लगाई गई और चीनी माओ की शासनपद्धति को देश में लागू किया गया। इन कई सालों में ‘इस्लामी-जिहादी-चर्च-वामपंथी’ गठजोड़ ने देश की जड़ों तक अपनी पहुंच बनाई और भारत की आत्मा पर प्रहार किया। गांधी ने चरखा देश को दिया मगर 70 साल शासन करने वालों ने चर्च देश को दिया। गांधी ने अपने सपने के भारत में ‘रामराज्य’ की कल्पना की थी, मगर गांधी सरनेम से शासन करने वाली कांग्रेस ने राम के वजूद को ही काल्पनिक बता दिया था।

यूपीए सरकार के समय में 2007 के वक्त जब कांग्रेस सरकार सेतु समुद्रम प्रोजेक्ट बना रही थी तब सुप्रीम कोर्ट के हलफनामे में कांग्रेस ने राम को काल्पनिक किरदार बताया था और रामसेतु के अस्तित्व को नकार दिया था। सुप्रीम कोर्ट में उस समय UPA की तरफ से कपिल सिब्बल वकील थे औऱ उन्होंने राम रामायण और राम सेतु को काल्पनिक बताने का हलफनामा दायर किया था और बाद में इस मुद्दे पर देश में बहुत हल्ला हुआ था। 


जाहिर है गांधी जिस रामराज्य की बात करते थे और राम को जिस तरीके से अपना आदर्श मानते थे ..उन सारे सिद्धांतों और मूल्यों को कांग्रेस ने दरकिनार करते हुए देश में इस्लामी और ईसाई सभ्यता का इतिहास पढ़ाया और देश की मूल आत्मा को मारते हुए राम जैसे संस्कृति के आधार स्तंभ को काल्पनिक बता दिया। ऐसे में हम तो बस यही कहेंगे कि गांधी हम शर्मिंदा हैं तुम्हारे राम को काल्पनिक बताने वाले जिंदा है।

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