इस लेख का शीर्षक पढ़कर आपको क्रोध आ सकता है, आप तिलमिला उठा सकते है और मन ही मन अपशब्दों का प्रयोग भी कर सकते है।
लेकिन जो बात सत्य है उसे झूठला नही सकते क्योंकि ये ही कारण है कि 100 करोड़ जनसंख्या होने के बावजूद दो कौड़ी के सड़कछाप व्यक्ति में भी हिम्मत हो जाती है कि वो आपके धर्म, आपके आराध्य देवी देवताओं का मजाक उड़ा सके।
वो दो कौड़ी का व्यक्ति ऐसा करने की हिम्मत इसलिए कर पाता है क्योंकि आप 100 करोड़ एकजुट नही हो।
कभी जाति के नाम पर (ब्राह्मण, ठाकुर, वैश्य, शुद्र)
कभी सम्प्रदाय के नाम पर ( जैन, बौद्ध, सिक्ख, हिन्दू)
कभी भाषा के नाम पर (मराठी, पंजाबी, हिंदी, गुजराती)
कभी क्षेत्र के नाम पर (उत्तर, दक्षिण, पूर्वोत्तर)
कभी राजनीतिक दल के नाम पर, कभी आरक्षण के नाम पर हर तरीके से आप किसी ना किसी रूप में बिखरे हुए है।
फिर यदि कोई कपिल मिश्रा जी जैसे हिन्दू यौद्धा आप सब को एकजुट करने का प्रयास करते है तो आप जैसे लोग ही उन्हें दंगाई, अपराधी, आतंकवादी पता नही क्या क्या बताते हो।
पहले पाताललोक, लीला और आश्रम के बाद इस कड़ी में नया नाम जुड़ता है दो कौड़ी के अली अब्बास जफर द्वारा निर्मित वेब सीरीज़ – तांडव।
इस वेब सीरीज में मुख्य भूमिका निभाई है बॉलीवुड के सबसे घटिया फ्लॉप अभिनेता सैफ अली खान ने।
बस अब आप समझ जाइए कि जहाँ इस घटिया फ्लॉप एक्टर का नाम आ गया वहाँ तो हिन्दू धर्म का मजाक उड़ाना स्वाभाविक है।
इस सीरीज में जिस प्रकार से भगवान शिव और भगवान राम का मजाक उड़ाया गया है वो इस लेख के शीर्षक को सही साबित करता है।
इन सब बातों में आश्चर्य ये है कि इस सीरीज को बढ़िया बताने वाले भी हिन्दू ही है, अब मुझे समझ नही आता कि क्या वो नाम से ही हिन्दू है या उनका खून किसी और धर्म का है।
100 करोड़ की जनसंख्या में ऐसे दोगले हिन्दू बमुश्किल 1-2 करोड़ से अधिक नही है फिर भी ये दोगले हिन्दू ही बाकी बचे 98 करोड़ हिंदूओ पर हर बार भारी क्यों पड़ते है।
कहने को तो केंद्र में हिंदूवादी शासन है फिर भी इस देश में हर बार हिन्दूओं को ही अपनी बात मनवाने के लिए कभी आंदोलन करने पड़ते है, तो कभी ट्वीटर पर ट्रेंड शुरू करने पड़ते है, या कभी सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ता है।
जबकि होना तो ऐसा चाहिए कि कोई भी व्यक्ति या संस्था हिन्दू विरोधी कार्य करने का तो दूर, सोचने का साहस भी ना कर सके।
एक बात आप हमेशा याद रखना कि आखिर क्या वो कारण रहे कि एक हिन्दू बहुल देश में भी मुगलों और अंग्रेजों का शासन रहा,
क्या वो कारण रहे कि प्रभु श्रीराम के देश में ही प्रभु श्रीराम के मंदिर हेतु 500 वर्षों तक संघर्ष करना पड़ा,
क्या वो कारण रहे कि हिन्दूओं की इतनी जनसंख्या होने के बावजूद भी हिन्दू देवी देवताओं का उपहास उड़ाया जाता है,
क्या वो कारण रहे कि महान हिन्दू संस्कृति को इतिहास के पृष्ठों से ही गायब कर दिया गया
और क्या वो कारण रहे कि आज भी 100 करोड़ हिंदू एकजुट नही हो पा रहे है।
यदि इन सब प्रश्नों का जवाब आप नही जानते तो अफसोस करना कि आप हिन्दू होकर भी हिन्दू नही है।
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