पिछले दो महीने से ज्यादा समय से एक निश्चित प्रदेश/क्षेत्र के किसानों द्वारा नए कानूनों के विरोध में किया जा रहा हठ प्रदर्शन आज उस स्थिति तक आ पहुंचा है जहाँ एक दर्जन से अधिक बैठकों के बाद भी गतिरोध ख़त्म नहीं हुआ है और किसान संगठन दिल्ली की सीमा/सडकों से आगे बढ़कर राजधानी दिल्ली शहर में ट्रैक्टर निकालने की ज़िद पर अड़ गए हैं।
पुलिस एवं सम्बंधित सुरक्षा व् जांच एजेंसियों ने इन रैलियों में , उपद्रवी तत्वों द्वारा गड़बड़ी , अशांति और हिंसा फैलाने की संभावना के कारण किसान संगठनों से गणतंत्र दिवस जैसे अहम् दिवस जब सुरक्षा एजेंसियों का सारा ध्यान शत्रु देशों द्वारा पोषित आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने पर लगा होता है। ठीक उसी समय उसी दिन ,इतनी बड़ी संख्या में कोई गैर संगठित और गैर नियोजित रैली/प्रदर्शन करने की हठ खतरनाक साबित हो सकती है।
सरकार द्वारा लागू किए गए नए कृषि क़ानून को इन किसान संगठनों के विरोध व असहमति के कारण अगले कुछ वर्षों तक स्थगित कर देने के प्रस्ताव देने के बावजूद , खुद न्यायपालिका द्वारा सारे गतिरोध को दूर करने के लिए बनाई गई समिति के गठन के बावजूद और एक दो चार नहीं बल्कि दसियों बार वार्ता के लिए आमंत्रित किए जाने के बावजूद राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस पर देश , सरकार , सेना , समाज सबकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश ,सिर्फ मीडिया में अपना ध्यान खींचने और अपनी स्वार्थी राजनीति चमकाने की कोशिश से ज्यादा कुछ नहीं।
ऐसे में जबकि दिल्ली पुलिस को इस प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली के आयोजन ,प्रबंधन , सुरक्षित संचालन , दिल्ली में प्रवेश और निकास तक की सारी जिम्मेदारी सौंपी गई है तो ये रैली निर्विघ्न ,बिना किसी तमाशे या गड़बड़ी के शांतिपूर्वक ,पूरी हो सके इसके लिए पुलिस व प्रशासन से एहतियातन ये कदम उठाये जाने अपेक्षित हैं ;
आंदोलन का नेतृत्व करने वाले तमाम नेताओं , संगठन प्रमुखों के नाम पते और पूरी जानकारी सहित इस रैली के शानितपूर्ण रहने और गणतंत्र दिवस के गरिमा के प्रतिकूल कोई भी कथन या व्यवहार को प्रदर्शित नहीं किए जाने का लिखित आश्वासन। ये भी कि यदि किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ समर्थकों द्वारा की गई और उससे ,किसी भी तरह का जान माल या सम्मान की कोई क्षति पहुँची तो इसके जिम्मेदार और क्षतिपूर्ति के लिए ये संगठनकर्ता ,रैली के आयोजक किसान नेता ही होंगे।
रैली में शामिल होने वाले तमाम वाहनों , ट्रैक्टर , जीप , आदि के कागजातों , उन्हें चलाने वाले तथा उन पर बैठ कर रैली में भाग लेने वालों की पूरी पहचान , संपर्क सूत्र , पता आदि की सारी जानकारी पुलिस को मुहैय्या कराई जानी अपेक्षित है।
रैली का मार्ग , मार्ग में पड़ने वाले संवेदनशील स्थान , रैली में सहभागिता करने वाले या रैली को सम्बोधित करने वाले किसान नेता , राजनैतिक दलों के नेता सहयोगी आदि की बाबत भी पूरी जानकारी पुलिस को दी जानी चाहिए और ये भी शपथपूर्वक कहा जाना चाहिए कि रैली में भाग लेने वाले सभी पुलिस और प्रशासन के निर्देशों को मानते हुए उनके साथ सम्पूर्ण सहयोग करेंगे।
अपनी हठ पर अड़े और खेतों से उठकर सड़क पर खड़े , किसान और उनके नाम पर एकत्र हुए बिखरे , भीड़नुमा लोग , इन बातों की तरफ ध्यान भी देंगे , इसमें संदेह है।
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