मंगलवार को गणतंत्र दिवस (Republic Day) के मौके पर किसान आंदोलन (Farmer Protest) के दौरान हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस पीसी के दौरान पुलिस ने बताया कि लाल किले पर हुई घटना और हिंसा की जांच की जा रही है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि किसानों ने हमारे साथ विश्वासघात किया. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा.
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव (Commissioner SN Srivastava) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा किसान नेताओं से अपील की गई थी कि गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर मार्च ना निकालें. हालांकि किसानों ने इससे इंकार कर दिया. इसके बाद पुलिस ने किसानों से कुंडली हाइवे पर ट्रैक्टर मार्च निकालने को कहा लेकिन इस बात पर भी किसान नेता नहीं माने.
पुलिस ने बताया कि मंगलवार को मुकरबा चौक पर किसान तय रूट से अलग जाने लगे. इस दौरान किसान नेताओं सतनाम सिंह पन्नू ने भड़काऊ भाषण भी दिया. इसके साथ ही किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने भी तय रूट पर जाने से मना कर दिया.
पुलिस के अनुसार, टीकरी बॉर्डर पर भी किसानों ने हंगामा किया. पुलिस आयुक्त ने कहा कि इसके बावजूद पुलिस ने संयम का रास्ता चुना. जिसके चलते कई पुलिसकर्मी हिंसा में घायल हुए हैं. उन्होंने बताया कि 394 पुलिसकर्मी हिंसा के दौरान घायल हुए हैं. इनमें से कई अभी भी अस्पतालों में भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने में आंसू गैस के गोले छोड़े.
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