किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी उपद्रवियों को बढ़ावा देकर अरविंद केजरीवाल देश के खिलाफ अपने गद्दारी के रोल में और निखार ला रहे हैं , इसी कड़ी में उन्होंने डीटीसी बस कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे अपनी बसें वापिस डिपो मिल जाएं और दिल्ली पुलिस व अन्य सुरक्षा बलों के जवानों को वाहन सेवा मुहैया न कराए । मगर कहते हैं कि जा पर कृपा राम की होई उसका क्या बिगाड़े कोए…डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने पाप की घड़ी में से निकले हुए केजरीवाल के इस फैसले का विरोध कर दिया है।
डीटीसी कर्मचारी यूनियन के मनोज शर्मा ने बातचीत में बताया है कि डीटीसी की लगभग 250 बस सीआरपीएफ बीएसएफ दिल्ली पुलिस के जवानों ने रोक रखी है और कई बसों की चाबी निकाल के अपने पास रख ली है और डीटीसी बस को रोकने के लिए अपनी सिक्योरिटी गन मैन लगा दिए हैं ताकि डीटीसी के ड्राइवर बस लेकर ना चले जाए। दूसरी तरफ डीटीसी ड्राइवरों को कंट्रोल रूम से ड्यूटी ऑफिसर के फोन आ रहे है कि बस डिपो में लेकर आओ, इस तरह के रवैया का यूनियन कड़ा विरोध करती हैं और विभाग और सरकार को तुरंत आदेश करने चाहिए कि सभी डीटीसी बसों को शांतिपूर्ण वापस स्पेशल hire के लिए भेज देनी चाहिए, ताकि दिल्ली की सुरक्षा दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था बनी रहे।
डीडीसी कर्मचारी एकता यूनियन के मुताबिक इस माहौल में कोई भी असमाजिक तत्व दिल्ली में हिंसा कर सकता है और इस हिंसा को रोकने के लिए हमारे जवान दिल्ली को सुरक्षा मुहैया करा रहे हैं हाल फिलहाल में डीटीसी बसों से ही जवानों को एक प्वाइंट से दूसरे प्वाइंट तक आसानी से ले लाया जा सकता है और पुलिस विभाग डीटीसी विभाग को एक बस का लगभग एक दिन का 17 हजार किराया पुलिस विभाग देता हैं, यूनियन का मानना है कि फिलहाल सरकारें आपस में कोई मतभेद ना करें और दिल्ली की सुरक्षा की और ध्यान दें।
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