12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम करेंगे , फिर एक मिनट तक ट्रैक्टर का भौंपू बजा कर इतिश्री करेंगे। जहां जहां हमारे लिए “डर का माहौल ” है वहां , उत्तर प्रदेश , उत्तराखण्ड आदि में कतई कोई जाम वाला काम नहीं किया जाएगा। जहां हमारे सड़ जी , डिप्टी जी हमारे साथ हैं , सारी बसें वापस मंगवा कर ट्रैक्टरों को सलामी दिलवा रहे हैं वहाँ उत्पात मचाने का जी हो ही आता है।
जिस सड़क को पहले से ही महीनों से घेर कर , दाब कर बैठे हो भाई जी उसे और कितना जाम -एयर टाइट करेंगे भाई। पूरी गैस तो पहले लगा दी , आँखों से रोना गैस भी छोड़ दिया -मगर सब फुस्स। आपस में लट्ठमलट्ठ अलग।
सुनते हैं 40 से भी अधिक बड्डे बड्डे वाले कृषिट संगठन आंदोलनरत हैं। और इतने बड़े अंतर्राष्ट्रीय लेवल के हो चुके स्टंट में हर बार फिर सिर्फ ठकैत साब ही सब कुछ ठग ले जाते हैं। पुलिस जब धनिया बोने आती है तो रोने लगते हैं फिर कैमरों के सामने फूल बोने लगते हैं।
इनके अलावा जिन किसान नेताओं का नाम मीडिया में आया भी वो सिलिये आया की राजनीतिक दल से सांठ गाँठ के आरोप में नीलमबान , लालकिले पर उत्पात मचाने के आरोप में पुलिस से फरार , और अब कुछ किसानों द्वारा चक्का जाम के बुरी तरह विफल रहने का दोष ठकैत साब पर मढ़ने के लिए प्रेस वार्ता करते हुए।
इन 40 से अधिक संगठनों के अगुआ , दस्तावेज़ , कानून का मसौदा , आंकड़े आदि के साथ तार्किक और स्पष्ट विमर्श करते , कहीं साक्षात्कार देते , समाचार माध्यमों से अपनी आपत्तियों का उल्लेख करते नहीं दिखाई सुनाई दे रहे हैं।
ये किसान नेता /प्रतिनिधि तो चलिए माना की क्लिष्ट विधिक भाषा के पर्याय न समझ पाएं मगर पिछले 70 दिनों से पचासों टीवी चैनल , फेसबुक , ट्विटर और यहां तक संसद स्तर तक में भी सम्बंधित व्दिवान लोग कानून में व्याप्त कमियों और उन्हें दूर करने के विकल्प को बताने समझाने को प्रस्तुत नहीं हैं।
अब ठकैत साब ने ऐसे ही बॉर्डर पर “आँसू और अंगार ” की शूटिंग गांधी जयन्ती तक चालू रखने का फरमान सुना दिया है। अब ये नहीं पता की बाकी के 40 से विचार विमर्श के बाद ये लग्न महूर्त तय हुआ है या अचानक ही थकित साब ने किसी तपे हुए कांग्रेसी की बात मानने का फैसला कर लिया।
जो भी हो , देश को फिलहाल अभी कुछ समय और ये पीपली लाइव देखने को मिलेगा और जैसे आसार दिख रहे हैं आने वाले समय में सरकार द्वारा प्रस्तावित कानूनों को देखते हुए इस तरह के अनेक स्टंट देश को झेलने पड़ सकते हैं।
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