आप जोर से जय श्रीराम बोलते हैं, आप राम मंदिर के लिए रैली निकालते हैं, आप बाबरी पर 6 दिसम्बर को खुशी मनाते हैं, आप हर त्यौहार मनाते हैं, आप मंगलवार को हनुमान चालीसा गाते हैं तो ही आप स्वयं की जिम्मेदारी से इतिश्री न समझिए… अब आप ये समझिए कि बाबरी विध्वंस पर महज खुशी जताना पर्याप्त नहीं है, बल्कि जरूरी है तो ये कि बाबरी विध्वंस में शहीद हुए हिंदुओं की मदद करने में आप कितना आगे रहे हैं? आपको बता दें कि मुसलमान अपनी कमाई का एक हिस्सा जकात के नाम पर दान करता है लेकिन आपने कभी मुसलमानो को भंडारा करते या कोई दूसरा जन हित का कार्य करते नहीं देखा होगा उनकी जकात का एक-एक पैसा केवल जिहाद के लिए खर्च होता है क्योंकि वो जानते है कि वास्तविक धर्म रक्षा केवल धर्मयोद्धाओं का साथ देकर और धर्मयोद्धाओं को बैकअप दे कर होती है इसलिए आज उनके पास 57 देश हैं और हम हिन्दू अपने देश में भी सरकार के भरोसे बैठे हैं।


आपने कभी किसी ऐसे मुसलमान के परिवार को भूखे मरते नही देखा होगा जो जिहाद के लिए लड़ा लेकिन यदि कोई हिन्दू धर्म के लिए लड़ ले तो उसके साथ कोई हिन्दू खड़ा नही होता। आज भारत की जेलों में 5000 से ज्यादा ऐसे लोग बन्द है जो केवल धर्म के लिए लड़े जिनमें से दारा सिंह जी और शम्भू नाथ रैगर के नाम सब को पता ही होंगे।


यदि वास्तव में धर्म रक्षा करनी है तो धर्म के नाम पर होने वाले सारे खर्च बन्द करो और धर्म के लिए वास्तव में कुछ करना है तो केवल धर्मयोद्धाओ का साथ दीजिए क्योंकि यही वह धर्म योद्धा हैं जो हर तरीके की धर्म की लड़ाई में सबसे आगे का मोर्चा संभालते हैं।

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