मदरसे में पढ़ाने वाली शाहिदा ने अपने 6 साल के बच्चे की गला रेत कर दी कुर्बानी : गर्भवती है महिला

हैवानियत की भी यदि कोई हद , कोई सीमा , कोई इंतहा होती होगी तो वो भी मुगलों के हिस्से आते ही बेमानी हो जाते हैं। कल्पना करिये , एक माँ अपने कोख से जन्मे बच्चे को छः साल तक पालती पोसती है और फिर एक दिन बकरे की तरह पकड़ कर उसका गला रेत देती है और खुद पुलिस को फोन करके बताती है कि उसने अपने अल्लाह के लिए ये कुर्बानी दी है।
घिन्न आती है , उबकाई आ जाती है और उससे भी ज्यादा चिंता हो जाती ये जानकर कि आरोपी महिला , मदरसे में पढ़ाती है। सोचिये पढ़ाने वाली के मानसिक स्तर की उच्च कोटि की वैज्ञानिकता का अंदाज़ा लगाइये और ये भी कल्पना करके देखिये कि उस मदरसे में इन्होने और इनके जैसों ने अबोध बच्चों को दिन रात नफरत और ज़हर से भरे कट्टरपन ,वहशत के कितने पाठ पढ़ाए होंगे और अब भी पढ़ा रहे होंगे।
तो मामला ये है कि केरल के पलक्कड़ में आज सुबह 3 बजे से 4 बजे के बीच किसी ने स्थानीय पुलिस थाने में फोन करके सूचना दी कि उसने अपने छः साल के बेटे आमिल का गला रेत कर उसकी ह्त्या कर दी है और ऐसा उसने अपने अल्लाह की शान में कुर्बानी देने के लिए किया है।
आरोपी 30 वर्षीय शाहिदा का पति सुलेमान जो वर्तमान में ऑटो चालक है वह अन्य दो बच्चों के साथ दूसरे कमरे में सो रहा था। और उसे इस जघन्य हत्याकांड की खबर नहीं हुई .
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