कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद अपने राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने और संसद से विदाई के बाद जम्मू-कश्मीर के तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। उनके इस तीन दिवसीय यात्रा में जी-23 के भी कई नेता मौजूद हैं। गुलाम नबी ने शनिवार को जम्मू में रैली के दौरान दिल्ली से आये कांग्रेस के नेताओं का स्वागत किया है। इस दौरान जी 23 के नेताओं ने पार्टी नेतृत्व के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन किया और अपनी नाराजगी जताई है। बता दें कि जी-23 में कांग्रेस से असंतुष्ट नेता शामिल है। ये सभी नेता कांग्रेस के शीर्ष कमांड और उनके कार्य प्रणाली से नाखुश हैं। शनिवार को जम्मू में रैली के दौरान वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हुई है और हमें इसे मजबूत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इस बात को हमें स्वीकार करना चाहिए कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हुई है। उन्होंने कहा कि जब आप प्लेन में जाते हैं तो आपको चलाने वाले के साथ-साथ एक इंजीनियर की भी जरूरत होती है, जो इसका तकनीक के बारे में जानता हो। गुलाम नबी आजाद कांग्रेस के लिए इसी भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि वह देश के सभी राज्यों की जमीनी हकीकत जानते हैं।
इसके अलावा कांग्रेस नेता राजबब्बर ने कहा कि लोग हमें जी-23 कहते हैं, लेकिन मैं आपको बता दूं कि हम गांधी-23 हैं। गांधी-23 कांग्रेस की मजबूती चाहता है। पार्टी के आदर्शों के चलते गुलाम नबी आजाद बड़े बने है। उनके रिटायरमेंट पर पीएम नरेंद्र मोदी भी भावुक हो गये थे। हालांकि इस दौरान राज्यसभा से सेवानिवृत्त गुलाम नबी आजाद के साथ पार्टी की ओर से किये गये व्यवहार से भी जी-23 से जुड़े नेता नाराज हैं। जी 23 से जुड़े नेताओं ने कहा कि इतने वर्षों तक कांग्रेस में रहने के बाद भी कांग्रेस हाईकमान ने दोबारा उन्हें मौका नहीं दिया है। प्रधानमंत्री तक ने उन्हें सम्मान दिया लेकिन अपनी पार्टी ने कोई सम्मान नहीं दिया है। हालांकि गुलाम नबी ने कहा कि मैं संसद से रिटायर हुआ हूं, राजनीति से नहीं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है, इसलिए चिंता जरूरत नहीं है। मैंने कई बार जबरदस्त वापसी की है। उन्होंने कहा कि मैं पीएम नरेंद्र मोदी समेत उन सभी लोगों को शुक्रिया कहना चाहता हूं, जिन्होंने मेरी प्रशंसा की थी। बता दें कि इस यात्रा को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि जी 23 समूह के कांग्रेस नेताओं की यह यात्रा निजी है। यह पार्टी की तरफ से आधिकारिक यात्रा नहीं है। पार्टी ने सफाई देते हुए कहा कि हमने इन नेताओं को जम्मू-कश्मीर की यात्रा के लिए नहीं कहा है। लेकिन गुलाम नबी आजाद के जम्मू दौरा का पता चलने पर हमने उनसे जम्मू-कश्मीर कांग्रेस कमेटी के कार्यालय में जम्मू-कश्मीर इकाई के पार्टी नेताओं से मिलने का अनुरोध किया है।
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