कश्मीरी पंडितों के कत्लेआम पर चुप्पी साधने वाले फारुख अब्दुल्ला ने अपनी जुबान इस बार खोली है और वो भी रोहिंग्या मुसलमानों के लिए। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से रोहिंग्या मुसलमानों को निकालने के लिए केंद्र सरकार के आदेश पर कार्यवाही शुरू हो चुकी है, हीरा नगर की जेल में इस बाबत डिटेंशन सेंटर भी बनाया जा रहा है । रोहिंग्याओं पर हो रही कार्यवाही को फारुख अब्दुल्ला ने गलत बताया है, अब्दुल्ला ने कहा है कि भारत को इस मुद्दे से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का पालन कर उसके मुताबिक ही चलना चाहिए। हमें मानवीय आधार पर इसका पालन करना चाहिए। यानि फारूक अब्दुल्ला चाहते हैं कि रोहिंग्याओं पर कोई कार्यवाही न हो.
आपको बता दें कि यह वही फारूक अब्दुल्ला हैं जो कश्मीरी पंडितों पर हुए नरसंहार पर खामोश थे, मालूम हो की 19 जनवरी 1990 की रात में मस्जिदों से ऐलान हुआ की कश्मीरी पंडित कश्मीर छोड़कर भाग जाएँ। इसके बाद मुस्लिम लोग लगातार कश्मीरी पंडितों की हत्यायें औऱ रेप करने लगे। कहते थे कि पंडितो, यहां से भाग जाओ, पर अपनी औरतों को यहीं छोड़ जाओ। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 60 हजार परिवार कश्मीर छोड़कर भाग गये। उन्हें आस-पास के राज्यों में जगह मिली।
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