कोरोना संकट के इस दौर में जहां अपने साथ छोड़ रहे हैं. वहीं, कुछ हाथ ऐसे हैं जो अपनी जान की परवाह किए बगैर पीड़ितों की सेवा के लिए उठ रहे हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की , RSS के स्वयंसेवक कोरोना संकट से घिरे लोगों की मदद के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. आज देश में कोरोना महामारी का संकट छाया हुआ है. हर तरफ पीड़ा, दर्द और मायूसी के हालात हैं.
कोरोना महामारी के दौरान देश का हेल्थकेयर सिस्टम काफी हद तक चरमरा गया है, ऐसे में जिस लगन और सहनशीलता के साथ RSS काम कर रही है वो उनके सेवाभाव को दिखाता है, भारत में कोरोना की दूसरी लहर का प्रकोप इतना ज्यादा है कि अस्पतालों को बेड्स, ऑक्सीजन, दवाइयों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में RSS से जुड़े हुए कई संगठन देश के अलग-अलग राज्यों में राहत कार्य में जुटे हुए हैं .
दरअसल कोरोना के दंश से पीड़ित समाज में एक तरह से भय का माहौल बना हुआ है. ऐसे में अपनी जान की परवाह किए बिना स्वयंसेवक लगातार सेवा को परम कर्तव्य मानते हुए कार्य कर रहे हैं. सेवा कार्य को अपना परम धर्म मानते हुए संघ के स्वयंसेवक इस महामारी में लोगों की सेवा कर रहे हैं. इस महामारी ने मानवता को भी कुचल कर रख दिया है. अगर कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वो भी संक्रमित हो जाता है. इस सबके बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं. दरअसल RSS को समझने के लिए उसके सेवा भाव को समझना होगा।
इस महामारी के समय संघ के स्वयंसेवक देश भर के अलग अलग ज़िलों में 240 जगहों पर कोविड अस्पतालों में प्रशासन के साथ मिलकर ड्यूटी दे रहे हैं. संघ की ओर से 43 प्रमुख शहरों में कोविड सेवा केंद्र खोले गए हैं. RSS देश भर में 2442 वैक्सीनेशन सेंटर्स भी चला रहा है. इसके अलावा संघ की ओर से शहर-कस्बों-गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में जागरूकता जगाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं. संघ के कार्यकर्ताओं की ओर से प्लाज्मा दान, रक्तदान, अंतिम संस्कार , डॉक्टर काउंसलिंग, ऑक्सीजन आपूर्ति, एम्बुलेंस सेवा, भोजन, राशन और मास्क आदि में भी लोगों को मदद पहुंचाई जा रही है. इसके लिए कई हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है. अभी तक देश भर में संघ के अभियान के तहत लगभग 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने प्लाज़्मा डोनेट किया हैं. इस महामारी के समय देश में कई घर ऐसे हैं जहां परिवार के सभी लोग कोरोना से संक्रमित हैं, उन्हें खाना तक नसीब नहीं हो पा रहा है. इसके लिए संघ की तरफ से राज्यों में हेल्पलाइन नंबर के जरिए उन घरों तक खाना पहुंचाया जा रहा है. इसके अलावा संघ से जुड़े संगठनों की ओर से 1500 से ज्यादा जगहों पर लंगर चलाए जा रहे हैं.
देश में जब भी संकट आया है तो संघ के स्वयंसेवकों ने दिन-रात सामाजिक दायित्वों को निभाया है. बाढ़ , भूकंप जैसे प्राकृतिक आपदा के समय भी स्वयंसेवकों ने आगे बढ़कर जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाई है. कुछ दिन पहले योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर आपके विरोध में कोई बोलने वाला नहीं है तो आपने अच्छा काम नहीं किया। संघ ने यही काम किया है। संघ ने हमेशा सेवा भाव से काम किया है।
लेकिन RSS के सेवाभाव से कांग्रेस को भला क्या मतलब, संकट की इस परिस्थिति में उन्हें तो सिर्फ सरकार के कामों पर उंगली उठाना आता है. जिस भाव से इस समय RSS देश के लिए काम कर रही है उसका 1 फीसदी भी कांग्रेस के नेता करें तो शायद देश उनका नाम ले सके, वैसे कांग्नेस के लिए तो सबसे आसान काम है हाथ पर हाथ रख कर सरकार की आलोचना करना ।
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