गांधी जी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 के दिन हुआ था । इन्हीं नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर बिरला भवन में हत्या की थी। जब इस देश में एक दुर्दांत आतंकवादी को हेड मास्टर का बेटा बताकर उसके पक्ष में प्रोपेगेंडा खड़ा किया जा सकता है तो आखिर देश को यह भी पता चलना चाहिए कि नाथूराम गोडसे कौन था और उसके विचार क्या थे! बात करते हैं उस दिन की जिस दिन गांधी जी की हत्या की गई… ३० जनवरी १९४८ को नाथूराम गोडसे दिल्ली के बिड़ला भवन में प्रार्थना-सभा के समय से ४० मिनट पहले पहुँच गये। जैसे ही गान्धी प्रार्थना-सभा के लिये परिसर में दाखिल हुए, नाथूराम ने पहले उन्हें हाथ जोड़कर प्रणाम किया उसके बाद बिना कोई बिलम्ब किये अपनी पिस्तौल से तीन गोलियाँ मार दीं।
गोडसे ने उसके बाद भागने का कोई प्रयास नहीं किया।मुक़दमे के लिए नाथूराम गोडसे को सर्वप्रथम पंजाब उच्च न्यायालय में पेश किया गया। एक वर्ष से अधिक चले मुकद्दमे के बाद ८ नवम्बर १९४९ को उसे मृत्युदंड प्रदान किया गया।
गोडसे का एक वाक्य ये भी था – ”जिस दिन सच्चा इतिहास लिखा जाएगा उस दिन मेरे कार्यों को सराहा जाएगा .. और जब पाकिस्तान में बहने वाली सिंधु नदी भारत के झंडे के के नीचे बहने लगे , मेरी अस्थियां तब उसमें प्रवाहित करना.. भले ही इसके लिए एक दो पीढ़ी की भी प्रतीक्षा करनी पड़े तो कर लेना . नाथूराम गोडसे की अस्थियां आज भी नागपुर में उसी प्रतीक्षा में रखी हुई हैं।
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