माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर (Twitter) क्या चाहता ओर उसकी क्या सोच है आज सत्य प्रतीत हो गयी क्योंकि ट्विटर आज निहित स्वार्थ ताकतों का अड्डा बन गयी है इसलिए आज ट्विटर द्वारा सवैधानिक पद पर विराजमान भारत के दूसरे व्यक्ति उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और संघ के सरसंघचालक सहित संघ के बड़े शीर्ष अधिकारियों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए वो बिना कुछ नोटिस दिए जैसे लोगो का गुस्सा फूटा ट्विटर पर, उपराष्ट्रपति के मामले में यू-टर्न ले लिया ओर उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू जी के निजी ट्विटर अकाउंट पर ब्लू टिकट वापस दिया है ओर सरसंघचालक एंव शीर्ष अधिकारियों पर भी यु टर्न लेना पड़ा है आखिर ,उपराष्ट्रपति के अकाउंट को अनवैरिफाई करना और संघ शीर्ष अधिकारियों के ब्लू टिक हटाना ट्वीटर की सोच को जगजाहिर कर दिया वो किस सोच के तहत कार्य कर रही है
देश का अनुशासित संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के जिन शीर्ष पदाधिकारियों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटाया गया, सर संघ चालक सहित उनमें सह सर कार्यवाह सुरेश जी सोनी और संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी भी शामिल हैं. इसके अलावा संघ संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी में सुरेश जी जोशी और कृष्णगोपाल जी के हैंडल से भी ट्विटर ने ब्लू टिक हटाया है. ट्विटर गलत मंशा के तहत एक एजेंडे के तहत कार्य कर रही है देश के नंबर 2 अथॉरिटी के साथ ऐसा सलूक करना ओर संघ के सरसंघचालक सहित संघ के शीर्ष अधिकारियों को निशाना बनाना। उपराष्ट्रपति राजनीति से ऊपर हैं. वे संवैधानिक पद पर हैं. क्या ट्विटर अन्य संवैधानिक पदों पर बैठे अन्य व्यक्तियों अन्य नेताओं के साथ ऐसा दुर्व्यवहार कर सकता है?
ट्विटर जो दलील दे रहा है वह पूर्णतया गलत है. ट्विटर ने कहा कि छह महीने अकाउंट इनऐक्टिव होने पर या log in, पोस्ट नही होने पर पर ब्लू टिक हटाए है लेकिन ट्विटर बता सकता बहुत से नेताओ जिनका निधन हो गया है उसके बाद भी अकाउंट वैरीफाइड हैं. बहुत ऐसे लोग जो एजेंडा चलाने वाली खबरे करते है उन्होंने कितने की समय से कोई पोस्ट नही की फिर भी ब्लू टिक है या भारत मे मात्र इतने ही ऐसे एकाउंट थे जो इनएक्टिव थे बाकी सब एक्टिव रहते है ट्विटर को भारत के कानून मानने पड़ेंगे यह भारत सरकार स्प्ष्ट कह चुकी उसके बाद ट्विटर का ऐसा कदम उठाना प्रमाणित करता है कि ट्विटर में ऐसी ताकते पनप रही है जिनका कार्य हमेशा एजेंडा चलाना रहा है राष्ट्र से उनका कोई सरोकार नही है भारत सरकार को इस मामले में सख्ती से निपटना चाहिए एंव उचित कार्रवाई करनी चाहिए ,कानून से ऊपर कोई नही ।
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