केजरीवाल और कांग्रेस शासित चवन्नी छाप मुख्यमंत्रियों को जवाब था… प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम संदेश
- इसी साल जनवरी के महीने से जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तब केंद्र ही सभी को वैक्सीन लगवाने की योजना पर काम कर रहा था यानी राज्यों को वैक्सीनेशन का कोई काम नहीं दिया गया था
- सारा काम केंद्र सरकार के ही द्वारा हो रहा था… कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन करवाओ और तारीख आने पर वैक्सीनेशन के लिए चले जाओ… वैक्सीन लगवाकर घर आ जाओ
- लेकिन 16 जनवरी के बाद से कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों… अरविंद केजरीवाल और विपक्ष शासित दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कांग्रेस के नेताओं प्रवक्ताओं ने चीखना शुरू कर दिया कि राज्यों को वैक्सीनेशन का अधिकार दो…. राज्य करेंगे वैक्सीनेशन
- प्रधानमंत्री ने संघीय ढांचे की अहमियत को ध्यान में रखकर कांग्रेस-केजरीवाल और दूसरी पार्टियों के नेताओं की अपील को मान लिया और कहा कि चलो भाई थोड़ा काम अब तुम भी करो… 25 प्रतिशत वैक्सीनेशन का काम राज्यों को दे दिया गया
- लेकिन इस 25 प्रतिशत काम सौंपे जाने के बाद पूरे देश में वैक्सीन को लेकर जो उत्पात शुरू हुआ वो बहुत दर्दनाक था… पंजाब में कैप्टन की सरकार ने 300 रुपए की वैक्सीन 1000 रुपए में प्राइवेट अस्पतालों को बेच दी और इन प्राइवेट अस्पतालों ने तीन-तीन हजार रुपए में वैक्सीन लोगों को लगानी शुरू कर दी यानी कांग्रेस की सरकार वैक्सीन से मुनाफा कमाने लगी…इस तरह की लाखों वैक्सीन डोज पंजाब सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को बेच डाली
- राजस्थान में तो हद ही हो गई… लाखों वैक्सीन का नुकसान किया गया…. एक एक डोज लगाकर वैक्सीन का पूरा सेट खोलकर बर्बाद किए जाने लगा… राजस्थान में तो जमीन के अंदर वैक्सीन किटों को भारी संख्या में गाड़ दिया गया था
- दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति ये हो गई कि वही विपक्ष जो अब तक कह रहा था कि राज्यों को वैक्सीनेशन का पूरा अधिकार दे दिया जाए अचानक अब ये कहने लगा कि नहीं हमें वैक्सीनेशन नहीं करना है ये 25 प्रतिशत काम भी केंद्र सरकार ही करे
- अरविंद केजरीवाल तो बिलकुल अपने बयान से पलट गए…. पहले कहा था कि राज्यों को अधिकार दे… हम ग्लोबल टेंडर निकलवाकर पूरा वैक्सीनेशन करवा देंगे लेकिन अब यही अरविंद केजरीवाल कहने लगे कि नहीं पहले वाली व्यवस्था ही सही थी केंद्र ही वैक्सीनेशन करवाए… कहीं ऐसा होता है कि राज्य की सरकारें वैक्सीन लगवाए
-प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम संबोधन में किसी का नाम नहीं लिया लेकिन बिलकुल साफ साफ इशारा कर दिया कि राज्यों के ही दोबारा आग्रह पर अब केंद्र सारा काम अपने हाथ में ले रहा है
- मतलब विपक्ष को मोदी सरकार ने चवन्नी छाप काम दिया था सिर्फ 25 प्रतिशत का काम दिया था वो भी इन कांग्रेस की निकम्मी सरकारों से नहीं हो पाया
- असल में इन लोगों के पास सिर्फ और सिर्फ एक ही काम है और वही काम ये ठीक से करने की पूरी कोशिश करते हैं किसी भी तरह से मोदी को बदनाम करो… वैक्सीन बर्बाद कर दो… मोदी बदनाम होगा… दवाएं तालाबों में फेंक दो… लोग मरेंगे मोदी बदनाम होगा… ऑक्सीजन के टैंकर खोल दो… ऑक्सीजन बर्बाद हो जाएगी लोग मरेंगे मोदी बदनाम होगा… सवाल ये है कि अगर दुश्मनी मोदी से है तो फिर लोगों की हत्याएं क्यों कर रहे हो ?
-कोरोना के समय में भारत ने राजनीति का जो शर्मनाक स्तर देखा है वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है
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